चीन ने अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियर को डुबोने के लिए समुद्र में खतरनाक हथियार उतार दिया है। इसके पूर्व नैंसी की ताइवान दौरे के बाद चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए ताइवान की सीमा पर खरतनाक मिसाइलें युद्धपोत और कई युद्धक विमान तैनात कर दिया था।
नई दिल्ली, ताइवान में नैंसी पेलोसी के बाद अमेरिकी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल पहुंचने के बाद से चीन बुरी तरह तिलमिलाया हुआ है। चीन ने अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियर को डुबोने के लिए समुद्र में खतरनाक हथियार उतार दिया है। इसके पूर्व नैंसी की ताइवान दौरे के बाद चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए ताइवान की सीमा पर खरतनाक मिसाइलें, युद्धपोत और कई युद्धक विमान तैनात कर दिया था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चीन अपनी आगे की क्या रणनीति अपनाता है। क्या वह सच में आक्रामक मूड में है। क्या वह इसके विरोध में अमेरिकी पोत पर हमला कर सकता है।
अमेरिका के लिए तैयार चीन की शक्तिशाली पनडुब्बी
1- चीन ने अमेरिका के खिलाफ अपनी जंग की तैयारी को आगे बढ़ाते हुए युआन क्लास की स्टील्थ पनडुब्बी ‘Type-039C Yuan’ को दक्षिण चीन सागर में ताइवान की ओर रवाना किया है। इससे दोनों पक्षों में तनाव बढ़ गया है। यह पनडुब्बी सुपरसोनिक मिसाइलों से लैस है। चीन की यह पनडुब्बी अमेरिकी नेवी के पावरफुल एयरक्राफ्ट कैरियर को डुबोने में सक्षम है। नेवल न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, टाइप-039सी युआन पनडुब्बी चीन में चल रहे सबमरीन प्रोजेक्ट निर्माण का हिस्सा है।
2- चीन ने इस पनडुब्बी को जुलाई में ही कमीशन किया है। इसमें पुराने माडल की तुलना में कई नए बदलाव किए गए हैं। इसमें नए पंखे जोड़े गए हैं और पिछले हिस्से में टावर जैसा स्ट्रक्चर बनाया गया है। इससे पनडुब्बी को पानी के अंदर पता लगा पाना मुश्किल हो जाता है। इसके ऊपरी हिस्से में एक एंगल्ड रिज बना गया है, जो एक स्टील्थ फाइटर प्लेन के धड़ जैसा दिखता है। यह रिज पनडुब्बी के पानी की सतह पर होने पर इसके रडार क्रास-सेक्शन को कम कर सकता है।
3- इस पनडुब्बी में एक नया एयर इंडिपेंडेंट पावर सिस्टम भी लगाया गया है। इसके चलते बिना पानी की सतह पर आए पनडुब्बी का इंजन अपनी बैटरी को रिचार्ज कर सकता है। इसकी वजह से ये पनडुब्बी लंबे वक्त तक पानी की सतह के नीचे छिपी रह सकती है। यह दुश्मन को भनक दिए बिना उसका बड़ा नुकसान कर सकती है।
आखिर क्या है मामला
अमेरिकन इंस्टीट्यूट ने बताया कि पांच सदस्यीय टीम का नेतृत्व मैसाचुसेट्स के डेमोक्रेटिक सेन एड मार्के कर रहे हैं। इंस्टीट्यूट ने कहा कि दो दिवसीय दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल ताइवान के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात कर अमेरिका-ताइवान संबंध, क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार, निवेश और अन्य मुद्दों पर चर्चा करेगा। ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा है कि आमेरिकी प्रतिनिधिमंडल साई इंग वेन से मुलाकात करेगा। बता दें कि अमेरिकी कांग्रेस की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद अमेरिका ने अपने एक प्रतिनिधिमंडल को ताइवान भेजा है। अमेरिका का यह कदम चीन के साथ तनाव को गहरा कर सकता है। नैंसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन काफी आक्रामक मूड में दिख रहा है। उसने ताइवान के जलडमरूमध्य में सैन्य अभ्यास किया है। चीन की कई मिसाइलें ताइवान और जापान में गिरी हैं। इसका अमेरिका ने बड़ा विरोध किया था।
चीन ने बाइडन प्रशासन को कमजोर समझने की गलती की
विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि अमेरिका ने चीन के तमाम विरोध और युद्ध की धमकी के बावजूद नैंसी को ताइवान भेजा। इसके बाद चीन को अब यह बात समझ में आ गई है कि ताइवान की सुरक्षा को लेकर अमेरिका संकल्पित है। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और रूस यूक्रेन युद्ध के बाद चीन का उत्साह बढ़ा हुआ था। चीन, बाइडन प्रशासन को कमजोर समझने की गलती कर रहा था, लेकिन नैंसी की ताइवान यात्रा को लेकर कूटनीतिक मोर्चे पर चीन की काफी किरकिरी हुई है। अब चीन उस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं कर रहा है, जैसा कि उसने नैंसी की यात्रा के दौरान किया था। उन्होंने कहा कि दरसअल, नैंसी की यात्रा के बाद ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका की कूटनीति में बदलाव आया है। चीन, लगातार अमेरिका की अग्निपरीक्षा ले रहा था कि आखिर अमेरिका ताइवान को लेकर कितना संवेदनशील है।