नजीराबाद के कमलानगर के ब्लाक में तीसरी मंजिल पर रहने वाला परिवार सुबह जागा और दरवाजा खोला तो डर गए क्योंकि बाहर एक बड़ा सांड़ बैठा था। पुलिस सांड़ को नीचे नहीं उतार पाई तो नगर निगम की टीम को बुलाया गया।
कानपुर । शहर में आवारा जानवरों की कमी नहीं और सड़कों पर सांड़ आम तौर पर घूमते आसानी से देखे जा सकते हैं। कई बार सांड़ राहगीरों पर हमला कर देते हैं और ऐसी घटनाओं में कुछ लोग अपनी जान तक गंवा चुके हैं। इसके चलते अक्सर सड़क पर सांड़ को देखते ही लोग दूरी बनाकर गुजरते हैं, लेकिन अगर सांड़ घर के दरवाजे पर आकर बैठ जाए तो क्या हाल होगा और वह दरवाजा मकान की तीसरी मंजिल पर हो तो अंदर से निकलना भी नामुमकिन हो जाएगा। कुछ ऐसी ही घटना कानपुर के नजीराबाद थाना क्षेत्र के कमलानगर में हुई, यहां एक सांड़ मकान की तीसरी मंजिल पर पहुंच गया और करीब 16 घंटे तक डेरा जमाए रहा। मकान के अंदर दहशतजदा परिवार कैद बना रहा।
नजीराबाद के कमलानगर के ब्लाक में तीसरी मंजिल पर मकान नंबर 17 मनोज अवस्थी और मकान नंबर 18 में पुली का परिवार रहता है। सुबह छह बजे सोकर जागे और घर का दरवाजा खोलते ही डर गए। दरवाजे पर एक विशालकाय सांड़ बैठा था, जो रात करीब एक बजे सीढ़ियों से चढ़कर तीसरी मंजिल तक पहुंच गया था। दरवाजा बंद करके मनोज तुरंत घर के अंदर हो गए और परिवार को जानकारी दी। इसपर परिवार के सभी सदस्य घबरा गए। कुछ देर मनोज ने सांड़ को भगाने का प्रयास शुरू किया। उन्होंने थोड़ा सा दरवाजा खोलकर पहले डंडे और रॉड से भगाने का प्रयास किया तो सांड़ हमलावर होता दिखाई दिया। इसके बाद दरवाजे से बाल्टियों से पानी डाला लेकिन सांड़ टस से मस न हुआ। इस बीच सांड़ उठा और पुली का दरवाजा खुला पाकर अंदर घुस गया। इससे घबराए परिवार ने किसी तरह हिम्मत करके उसे दरवाजे से बाहर किया। अब सांड़ दोनों मकानों के दरवाजों के बीच गैलरी पर बैठ गया।
दोनों परिवारों के काफी प्रयास के बाद भी सांड़ जब नीचे नहीं उतरा तो उन्होंने मोबाइल फोन के जरिए नीचे रहने वाले लोगों को जानकारी दी। तीसरी मंजिल पर सांड़ के पहुचंने का पता चलते ही भीड़ एकत्र हो गई लेकिन उसे भगाने के लिए कोई भी ऊपर चढ़ने की हिम्मत नहीं कर सका। बाद में लोगों ने फायर ब्रिगेड, पुलिस और नगर निगम को सूचना दी। दोपहर करीब दो बजे नजीराबाद थाने की पुलिस पहुंची। पुलिस वालों ने भी लाठी पटक कर सांड़ को हटाने का प्रयास किया लेकिन असफल रहे। इसके बाद लगभग तीन बजे नगर निगम के कर्मचारी पड़ोसी के मकान से चढ़कर छत से होते हुए तीसरी मंजिल पर पहुंचे। नीचे से लोगों ने रोटी दिखायी और नगर निगम के दो कर्मचारियों ने रस्सी से सांड़ को बांध दिया। इसके बाद सांड़ को खींचकर नीचे उतारा और गोशाला भेज दिया गया। इस दौरान करीब 16 घंटे तक दोनों परिवार घर में ही फंसे रहे।
पहले भी हो चुके हादसे : सर्वोदयनगर, लालबंगला और शास्त्रीनगर में भी मकान के अंदर तक सांड़ घुस गए थे। बाद में नगर निगम की टीम ने सांड़ को पकड़कर बाहर निकाला था। नगर निगम के पशु चिकित्साधिकारी डा. आरके निरंजन ने बताया कि बेसहारा जानवरों को पकडऩे के लिए अभियान चलाए जा रहे है।