अगस्त 2021 में हुई घटना को लेकर तत्कालीन चौकी इंचार्ज उमरिया पर विवेचना में लापरवाही का आरोप लगाते हुए निलंबित किया गया है। मामले की जांच सीओ को मिली है। हालांकि आरोपित दारोगा को निलंबित करने के साथ ही बर्खास्त कर दिया गया था।
बस्ती, बस्ती जिले के दुबौलिया थाने पर तैनात एक आशिक मिजाज दारोगा को खंभे से बांधकर पिटाई के मामले ने फिर तूल पकड़ लिया है। मामले की विवेचना में लापरवाही का आरोप लगाकर तत्कालीन उमरिया चौकी प्रभारी व हाल में विक्रमजोत चौकी प्रभारी के पद से हटाए गए एसआइ ओमप्रकाश मिश्र को निलंबित कर प्रकरण की जांच सीओ हर्रैया को सौंपी गई है।
18 अगस्त 2021 को दुबौलिया थाना क्षेत्र के एक गांव में ग्रामीणों ने आशिक मिजाज दारोगा अशोक चतुर्वेदी को पकड़ लिया था। आरोप है कि वह भोर में जब एक घर से निकले तो ग्रामीणों ने घेर कर उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस पर दारोगा ने फायरिंग की और भागने लगे। ग्रामीणों ने इसके बाद उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया और एक पोल से बांधकर पिटाई कर दी थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था।
बर्खास्त हो चुका है आरोपित दारोगामौके पर पहुंची पुलिस गांव वालों से बात कर दारोगा को थाने ले आई थी। एसपी ने आरोपित दारोगा अशोक चतुर्वेदी को निलंबित व बाद में बर्खास्त कर दिया था। उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। आरोपित दारोगा के एक रिश्तेदार ने कोर्ट के आदेश पर दुबौलिया थाने में 18 नामजद व सात-आठ अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। दोनों मुकदमों की विवेचना तत्कालीन चौकी प्रभारी उमरिया रहे एसआइ ओमप्रकाश मिश्र ने की और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी।
पांच लोगों पर गुंडा एक्ट के तहत हुई थी कार्रवाईसितंबर 2022 में तत्कालीन थाना प्रभारी दुबौलिया ने इस मुकदमे में आरोपित पांच लोगों पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। ग्रामीणों पर दर्ज हुए मुकदमे की विवेचना में लापरवाही की शिकायत के बाद प्रकरण ने फिर तूल पकड़ लिया है। एसपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में विवेचक को निलंबित कर दिया गया है।