IPL 2021 की अंकतालिका में दिल्ली कैपिटल्स शीर्ष पर रही थी लेकिन टीम फाइनल में प्रवेश नहीं कर पाई। Delhi Capitals को दो मौके फाइनल में पहुंचने के जरूर मिले लेकिन दोनों मौकों को टीम ने करीबी अंतर से गंवा दिया और टीम का सफर समाप्त हो गया।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल की अंकतालिका में पहले और दूसरे स्थान पर रहने के अपने अलग फायदे हैं, क्योंकि शीर्ष पर रहने वाली दो टीमों को फाइनल में पहुंचने के लिए 2-2 मौके मिलते हैं। हालांकि, दिल्ली कैपिटल्स अपने इन दो मौकों को भुनाने में सफल नहीं हो सकी और आइपीएल 2021 के सीजन से बाहर हो गई। उधर, चौथे पायदान पर रहने वाली कोलकाता नाइट राइडर्स को आइपीएल के 14वें सीजन के फाइनल में पहुंचने का मौका मिला।
दरअसल, दिल्ली कैपिटल्स आइपीएल 2021 की अंकतालिका में 20 अंकों के साथ शीर्ष पर थी। ऐसे में माना जा रहा था कि युवा रिषभ पंत की कप्तानी वाली टीम फाइनल में जगह बना लेगी, क्योंकि टीम के पास फाइनल में पहुंचने के दो मौके थे। शीर्ष दो टीमों को दोनों क्वालीफायर मैच खेलने का मौका मिलता है, जिससे की टीम फाइनल में प्रवेश कर जाए, लेकिन क्वालीफायर 1 में दिल्ली कैपिटल्स को चेन्नई सुपर किंग्स के हाथों हार मिली और दूसरे क्वालीफायर में दिल्ली को कोलकाता ने हरा दिया।
अंकतालिका में शीर्ष दो टीमों को क्वालीफायर 1 में भिड़ना होता है और जो टीम जीत जाती है उसे फाइनल का टिकट मिलता है, जबकि हारने वाली टीम को क्वालीफायर 2 मैच खेलने का मौका मिलता है। ऐसा है दिल्ली के साथ भी हुआ, जब क्वालीफायर 1 में हार झेलने के बाद क्वालीफायर 2 में टीम कोलकाता से भिड़ी तो चारों खाने चित हो गई। शारजाह की धीमी पिच पर रिषभ पंत की टीम टिक नहीं पाई और केकेआर के सामने दिल्ली की टीम 135 रन ही बना सकी।
साल 2011 के बाद ऐसा कुल तीसरा मौका है, जब टीम शीर्ष दो में रहते हुए फाइनल तक नहीं पहुंच पाई है। हैरान करने वाली बात ये है कि इनमें से दो बार दिल्ली की टीम के साथ ऐसा हुआ है। 2012 में भी दिल्ली की टीम अंकतालिका में टाप 2 में थी, लेकिन फाइनल में प्रवेश नहीं कर पाई थी और अब 2021 में भी टीम के साथ ऐसा हुई है, जबकि साल 2016 में गुजरात लायंस ने टाप 2 में जगह बनाई थी, लेकिन सुरेश रैना की कप्तानी वाली टीम फाइनल में प्रवेश नहीं कर पाई थी।