ब्रिटेन में वायरस में हुआ बदलाव डरा रहा है और रोज 40 हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं तो वहीं रूस में आए दिन लगभग एक हजार लोगों की मौत हो रही है। आइए जानें कोरोना महामारी की नई लहर को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ…
नई दिल्ली, एजेंसियां। भले ही बीते 24 घंटे में कोरोना के 16,326 नए मामले ही सामने आए हैं लेकिन महामारी से मृत्युदर 1.2 फीसद पर बनी हुई है जो परेशान करने वाली है। यही नहीं दुनिया के कई मुल्कों में महामारी की नई लहर परेशान कर रही है। ब्रिटेन में वायरस में हुआ बदलाव डरा रहा है और रोज 40 हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं तो वहीं रूस में आए दिन लगभग एक हजार लोगों की मौत हो रही है। आइए जानें कोरोना महामारी की नई लहर को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ…
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक भारतीय विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही दुनिया के कई मुल्क कोरोना की नई लहर का सामना क्यों न कर रहे हों लेकिन भारत में हाल फिलहाल में कोरोना की नई लहर के नजर आने की संभावना नहीं है जब तक कि कोरोना का कोई नया प्रतिरक्षा वैरिएंट न आए। विशेषज्ञों की मानें तो यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि देश महामारी अब खत्म होने की ओर है।
विशेषज्ञों का मानना है कि देश में कोरोना के मामलों में भले ही कमी क्यों न देखी जा रही हो ब्रिटेन और दुनिया के बाकी हिस्सों में महामारी के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए देश में एक बड़े टीकाकरण कवरेज की जरूरत है। वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील कहते हैं कि टीकाकरण में हमने 100 करोड़ डोज लगाकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है लेकिन अभी और आगे जाने की आवश्यकता है।
हरियाणा में अशोका विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर शाहिद जमील ने समाचार एजेंसी पीटीआइ से कहा कि भले ही मामलों में लगातार कमी आ रही है लेकिन देश में महामारी से होने वाली मृत्यु दर लगभग 1.2 फीसद पर बनी है। यह इस बाकी की ओर इशारा कर रही है कि देश में टीकाकरण कवरेज को अभी भी बढ़ाने की जरूरत है।
यूके के मिडलसेक्स विश्वविद्यालय में गणित के वरिष्ठ व्याख्याता मुराद बनजी जो भारत के कोविड ग्राफ को करीब से देख रहे हैं और जिन्होंने महामारी पर कई माडलों का अध्ययन किया है… वह कहते हैं कि कुछ समय के लिए कम मामलों का मतलब यह नहीं लगाया जाना चाहिए कि महामारी खत्म होने की ओर है।
महामारी विज्ञानी रामनन लक्ष्मीनारायण कहते हैं कि अक्सर कम हो रहे मामलों में एकाएक बढ़ोतरी देखी जा सकते है जैसा कि ब्रिटेन में देखा जा रहा है। वाशिंगटन में सेंटर फॉर डिजीज डायनेमिक्स इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी के निदेशक लक्ष्मीनारायण कहते हैं कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले हमें अभी दो महीने तक इंतजार करना चाहिए कि कोरोना के मामले किस ओर जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही देश में हाल फिलहाल में संक्रमण में एक और भारी उछाल नजर आने की संभावना नहीं है लेकिन भारत कोरोना के मामलों में स्थानीय बढ़ोतरी का अनुभव जारी रखेगा। चूंकि भारत में टीकाकरण तेजी से चल रहा है और उसे दूसरी लहर से उबरे हुए ज्यादा समय नहीं बीता है इसलिए कुछ महीनों तक कोरोना की किसी बड़ी नई लहर के आने की आशंका नहीं है। हां यह जरूर है कि कोरोना का कोई नया वैरिएंट आगे एक नई चुनौती पेश कर सकता है। विशेषज्ञों ने त्योहारी सीजन के दौरान जुटने वाली भीड़ को लेकर भी अलर्ट किया।