दो साल बाद फिर खुला मलेशिया-सिंगापुर बार्डर, लेकिन लोगों को डरा रहा यह खौफ

सिंगापुर में क्वीन स्ट्रीट बस टर्मिनल पर मलेशिया जाने वाली पहली बस में यात्रा करने के लिए इंतजार कर रहे दर्जनों लोग काफी उत्सुक दिखे। मलेशिया जाने वालों में 31 वर्षीय बेंकर यूजीन भी थे जो दो सालों से सिंगापुर में ही हैं।

 

सिंगापुर, रायटर्स। कोरोना महामारी के कारण तकरीबन दो सालों से बंद बार्डर को सिंगापुर और मलेशिया ने सोमवार को फिर खोल दिया है। यह दुनिया के सबसे व्यस्त बार्डरों में से एक है, जहां से कोरोना काल से पहले हर दिन लाखों लोग यात्रा करते थे। इसके खुलने से लोगों को काफी सुविधा होगी। जो लोग दो साल से अपने परिवार और दोस्तों से नहीं मिल पाए हैं उनके लिए यह बेहद खुशी का मौका है। सिर्फ उन्हीं लोगों को यात्रा की अनुमति होगी जिनका टीकाकरण हो चुका है। हालांकि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के सामने आने के बाद इस बात की भी उम्मीद जताई जा रही है कि बार्डर फिर से बंद भी हो सकता है।

सिंगापुर में क्वीन स्ट्रीट बस टर्मिनल पर मलेशिया जाने वाली पहली बस में यात्रा करने के लिए इंतजार कर रहे दर्जनों लोग काफी उत्सुक दिखे। मलेशिया जाने वालों में 31 वर्षीय बेंकर यूजीन भी थे, जो दो सालों से सिंगापुर में ही हैं। उन्होंने कहा कि मुझे डर है कि नए वैरिएंट के कारण सीमाएं फिर से बंद हो सकती हैं और मुझे डर है कि मैं फिर से यहां फंस सकता हूं। नए वैरिएंट के खतरे को लेकर चिंतित सिंगापुर प्रशासन का कहना है कि प्रस्थान से पहले सभी यात्रियों की नकारात्मक कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट होनी चाहिए और मलेशिया पहुंचने पर भी यात्रियों का टेस्ट किया जाना चाहिए।

एक अन्य यात्री 41 वर्षीय शिव कुमार ने बताया कि उनके बेटे अपने पिता का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। बार्डर खुलने से लाखों लोगों को फायदा हुआ है। महामारी से पहले 3,00,000 मलेशियाइ रोजाना सिंगापुर जाते थे। मार्च 2020 में सीमा के अचानक बंद होने से दोनों तरफ हजारों लोग फंस गए थे और अपने परिवारों से दूर हो गए थे। सिंगापुर सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, नई व्यवस्था के तहत दोनों तरफ के 1,440 यात्री बिना आइसोलेशन के बार्डर क्रास कर सकते हैं। हालांकि उनके पास स्थायी निवास या वीजा होना जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *