बदलती लाइफ स्टाइल और नाकामियों का तनाव इतना बढ़ रहा है कि हर उम्र और तबके से जुड़े इंसान सुसाइड कर रहे हैं। जिले में आत्महत्या का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। छह माह में 237 लोग मौत को गले लगा चुके हैं।
हरदोई । बदलती लाइफ स्टाइल और नाकामियों का तनाव इतना बढ़ रहा है कि हर उम्र और तबके से जुड़े इंसान सुसाइड कर रहे हैं। जिले में आत्महत्या का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। छह माह में 237 लोग मौत को गले लगा चुके हैं। सबसे ज्यादा फांसी लगाकर जान देने के मामले सामने आ रहे हैं। कई घटनाएं तो ऐसी सामने आई हैं, जिनमें मामूली बात पर ही युवकों ने जान दे दी है।
जिंदगी में उतार-चढ़ाव तो आते ही रहते हैं। कुछ लोग इनसे हार जाते हैं और आत्महत्या कर मौत को गले लगा लेते हैं। जिले में अधिकतर युवा वर्ग के लोग हैं, जो घर में हुई मामूली बात को गंभीरता से ले लेते हैं और फांसी या फिर जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जान दे देते हैं। जनवरी से अब तक जिले में लगभग 237 लोगों ने आत्महत्या कर ली। इनमें मार्च और मई में 44-44 लोगों ने जान दी।
एक क्षण के गुस्से को करें कंट्रोल : आत्महत्या एक पल का गुस्सा होता है, जो व्यक्ति को हैवान बना देता है। इसलिए उस क्षण के गुस्से पर काबू करें। ताकि आत्महत्या के आंकड़ों पर कंट्रोल किया जा सके। परिवार के लोगों को चाहिए की आपस में परेशानी को शेयर करें। गुमसुम रहने वाले युवा इस प्रकार का ज्यादा कदम उठाते हैं। -डा. प्रदीप कुमार, जिला अस्पताल
केस एक : टडिय़ावां क्षेत्र के ग्राम ककरहा मजरा पुरवा देवरिया निवासी युवक ने 23 जून को पत्नी को साथ न भेजने से नाराज होकर घर में फांसी लगाकर जान दे दी।
केस दो : बेनीगंज क्षेत्र के ग्राम झरोइया निवासी व्यक्ति ने नौ जून को जहरीला पदार्थ खा लिया था। निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई। स्वजन का कहना था कि घर में हुई मामूली बात पर उसने जहर खाकर जान दे दी थी।
- जनवरी से अब तक आत्महत्या के आंकड़े :
- माह फांसी जहर
- जनवरी 31 09
- फरवरी 23 06
- मार्च 36 08
- अप्रैल 31 09
- मई 34 10
- जून 32 08