एक सप्ताह पहले चौथी उड़ान के दरम्यान एक मिनट में 2500 बार घूमने वाले हेलीकाप्टर ब्लेड की पतली आवाज मुश्किल से सुनी जा सकती थी। यह दूर में भिनभिनाते मच्छर या किसी उड़ते कीड़े की आवाज जैसी थी।
केप केनेवरल, एपी। पहले शानदार तस्वीरें आई, फिर वीडियो। और अब नासा ने मंगल की विरल हवा में अपने छोटे हेलीकाप्टर की आवाज साझा की है। कैलिफोर्निया स्थित नासा की जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी ने अपने तरह का पहला आडियो शुक्रवार को साझा किया। इसके कुछ देर बाद ही हेलीकाप्टर ने अपनी पांचवीं परीक्षण उड़ान पूरी की। यह नए हवाई क्षेत्र में उसकी एकतरफा यात्रा थी।
एक सप्ताह पहले चौथी उड़ान के दरम्यान एक मिनट में 2,500 बार घूमने वाले हेलीकाप्टर ब्लेड की पतली आवाज मुश्किल से सुनी जा सकती थी। यह दूर में भिनभिनाते मच्छर या किसी उड़ते कीड़े की आवाज जैसी थी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 1.8 किलोग्राम का हेलीकाप्टर रोवर पर लगे माइक्रोफोन से 80 मीटर दूर था। इसके अलावा हवा के झोंकों ने हेलीकाप्टर की आवाज को भी अस्पष्ट कर दिया। बाद में विज्ञानियों ने घूमते ब्लेड की आवाज को आइसोलेट कर दिया और इसे बढ़ा दिया ताकि यह आसानी से सुनाई दे सके।
रोवर में लगे सुपरकैम माइक्रोफोन के प्रमुख डेविड मिमौन ने बताया कि पृथ्वी पर किए गए टेस्ट से हमें लगता था कि माइक्रोफोन मुश्किल से ही इनजेन्यूटि फ्लाइट की आवाज को रिकॉर्ड कर पाएगा। लेकिन अब हेलीकाप्टर के ब्लेड्स की आवाज और मंगल की सतह पर बहने वाली हवा की आवाज सुनकर सुखद आश्चर्य हो रहा है। इससे मंगल के वातावरण को समझने के लिए यह रिकॉìडग बड़ा ही अहम होगा।
बता दें कि चार पाउंड वजनी हेलीकाप्टर नासा के पर्सिवरेंस रोवर के भीतर फिट किया गया था और यह चार अप्रैल को मंगल की सतह पर उतरा था। 19 अप्रैल को जब इनजेन्यूटि हेलीकाप्टर ने पहली बार उड़ान भरी तो इसने इतिहास रच दिया। दरअसल, यह पहला मौका था, जब पृथ्वी के इतर किसी दूसरे ग्रह पर हेलीकाप्टर को उड़ाया गया हो। शुरुआत में इंजीनियरों ने पांच फ्लाइट टेस्ट करने की योजना बनाई थी, ताकि पर्सिवरेंस रोवर प्राचीन जीवन के तलाश के अपने प्रमुख काम को कर सके। टेस्ट फ्लाइट के दौरान रोवर ने एक कैमरामैन का काम किया है। वहीं, अब हेलीकाप्टर की परफॉर्मेंस को देखते हुए अधिक टेस्ट फ्लाइट करने की योजना बनाई गई है।