नेपाल के चुनाव आयोग के प्रवक्ता राजकुमार श्रेष्ठ ने बताया कि पहले चरण का मतदान 12 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 19 नवंबर को होगा। चुनाव के उद्देश्य से राजनीतिक दलों के पंजीकरण की अवधि निर्वाचन आयोग ने 15 जुलाई से 30 जुलाई तक निर्धारित की है।
काठमांडू, नेपाल के चुनाव आयोग ने आगामी मध्यावधि चुनाव के कार्यक्रम को घोषित किया है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने संसद के निचले सदन को भंग करने पर सुनवाई की है। हिमालयी राष्ट्र के निर्वाचन आयोग ने मध्यावधि चुनाव अक्टूबर और नवंबर में कराने की घोषणा की है। इसके लिए मतदाता सूची बनाने से लेकर दलों के पंजीकरण और उम्मीदवारों के नामांकन तक की तारीखें सुनिश्चित की जा रही हैं। आयोग के चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक छह अक्टूबर को पहले चरण का नामांकन होगा। उम्मीदवारों का दूसरे चरण का नामांकन 17 अक्टूबर को होगा।
नेपाल के चुनाव आयोग के प्रवक्ता राजकुमार श्रेष्ठ ने बताया कि पहले चरण का मतदान 12 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 19 नवंबर को होगा। चुनाव के उद्देश्य से राजनीतिक दलों के पंजीकरण की अवधि निर्वाचन आयोग ने 15 जुलाई से 30 जुलाई तक निर्धारित की है।
राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 22 मई को संसद (प्रतिनिधि सभा) भंग करते हुए 12 और 19 नवंबर को चुनाव कराने की घोषणा की थी। भंडारी ने संसद को भंग करने का कदम पांच महीने में दूसरी बार उठाया था। पहली बार उन्हें फरवरी में आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मुंह की खानी पड़ी थी।
अल्पमत सरकार के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर भंडारी ने दूसरी बार संसद भंग की थी। इसी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में 30 याचिकाएं दायर हुई। इनमें से एक याचिका पर भंग प्रतिनिधि सभा के 146 सदस्यों के हस्ताक्षर भी रहे, जो 275 सदस्यों वाले सदन का बहुमत था। ये सभी नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के समर्थक हैं। भंडारी ने प्रधानमंत्री पद के लिए देउबा के दावे को अस्वीकार कर प्रतिनिधि सभा भंग की थी।