कोरोना वैक्सीन की दो खुराक अलग अलग कंपनियों की हो सकती है। ऐसी सलाह कनाडा में इम्युनाइजेशन पर काम करने वाली कमिटी ने दी है। कमिटी ने कहा है कि यदि लोग चाहें तो पहली खुराक एस्ट्राजेनेेका की और दूसरी मॉडर्ना या फाइजर की हो सकती है।
ओटावा, एपी। कोरोना महामारी से बचाव के लिए अब तक दुनिया में एकमात्र उपाय वैक्सीन ही उभर कर सामने आ रहा है। इस क्रम में दुनिया के तमाम देशों में तेजी से वैक्सीनेशन अभियान जारी है। अब कनाडा में वैक्सीन पर रिसर्च करने वाली एडवाइजरी कमिटी ने सलाह दी है कि कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक एक ही ब्रांड की हो यह जरूरी नहीं। इसके अनुसार पहली खुराक एस्ट्राजेनेका तो दूसरी मॉडर्ना या फाइजर भी हो सकती है।
कनाडा की नेशनल एडवाइजरी कमिटी ने गुरुवार को टीकाकरण के मामले में बयान जारी किया। इसमें बताया कि जिन्होंने कोरोना वैक्सीन एस्ट्राजेनेका लिया है उन्हें दूसरे डोज के तौर पर फाइजर या मॉडर्ना लेनी चाहिए। 1 जून को कमिटी ने कहा था कि कोरोना वैक्सीन लाभार्थी पहले डोज में एस्ट्राजेनेका और दूसरे डोज में फाइजर या मॉडर्ना ले सकते हैं।
कमिटी ने अपने पहले दिए गए सुझाव को भी अपडेट किया कि जिन लोगों को कोविड-19 का जोखिम अधिक है वे फाइजर या मॉडर्ना के लिए इंतजार न करें और एस्ट्राजेनेका की खुराक लें। कनाडा की चीफ पब्लिक हेल्थ ऑफिसर डॉक्टर थेरेसा टैम ने कहा, ‘जिन्होंने एस्ट्राजेनेका या कोविशील्ड की दोनों खुराक ले ली है उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त रहना चाहिए। उन्हें इस वक्त तीसरे खुराक की जरूरत नहीं है।’
जर्मनी की सारलैंड यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार एस्ट्राजेनेका की दोनों खुराक की तुलना में एक खुराक एस्ट्राजेनेका के बाद दूसरी खुराक के तौर पर फाइजर दिए जाने या दोनों खुराक फाइजर की ही देने पर अधिक एंटीबॉडी बनते हैं। 5 जून तक 2 लाख 10 हजार लोगों को एस्ट्राजेनेका की एक खुराक दी गई और 15,186 लोगों को दोनों खुराकें मिल गई। कनाडा में अब तक फाइजर और मॉडर्ना की 1 करोड़ 40 लाख खुराक पहुंच चुकी है। इसके अलावा मॉडर्ना की 10 लाख खुराक गुरुवार रात अमेरिका से कनाडा पहुंची।