पाकिस्तान की कोरोना वायरस निगरानी संस्था ने PoK चुनाव स्थगित करने का सुझाव दिया,

प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार पर कश्मीर चुनावों में अपने वांछित परिणाम हासिल करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चाहे कुछ भी कर लें कश्मीर कभी प्रांत नहीं बनेगा।

 

मुजफ्फराबाद, एएनआइ। पाकिस्तान की कोरोना वायरस-निगरानी संस्था, नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर (एनसीओसी) ने रविवार को कोरोना महामारी के बीच आगामी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में चुनाव को दो महीने के लिए स्थगित करने का सुझाव दिया है।

पीओके के मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में एनसीओसी ने कहा कि देश में कोरोनो वायरस के मामलों की संख्या में वृद्धि के कारण चुनाव अभी नहीं होना चाहिए। जियो न्यूज के अनुसार, पत्र में कहा गया है कि कोरोना वायरस के सकारात्मक मामलों की संख्या पहले से ही अधिक है। ऐसे में चुनावों के कारण बड़े राजनीतिक जमावड़ों से राज्य में संभावित घातक वायरस का प्रसार होने की पूरी संभावना है।

एनसीओसी ने यह भी कहा कि पीओके के दस लाख लोगों को सितंबर 2021 तक टीका लग जाएगा है। द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि कश्मीर विधानसभा की शर्तें 29 जुलाई को समाप्त हो जाएंगी, लेकिन अभी तक नए चुनाव का कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है। इससे पहले प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार पर कश्मीर चुनावों में अपने वांछित परिणाम हासिल करने का आरोप लगाया था।

फारूक हैदर ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री इमरान खान चुनाव में दखल देते हैं तो पीओके सब शिष्टाचार भूल जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चाहे कुछ भी कर लें कश्मीर कभी प्रांत नहीं बनेगा। हैदर ने कहा कि उन्हें अगले दो महीने के लिए चुनाव स्थगित करने के लिए एनसीओसी से एक पत्र मिला है। उन्होंने कहा कि चुनाव स्थगित करने का कोई कारण नहीं है क्योंकि देश में महामारी के बावजूद उपचुनाव भी हुए थे।

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