हिना रब्बानी खार को एक बार फिर से पाकिस्तान सरकार की कैबिनेट में जगह दी गई है। वो इससे पहले 2011 से 2013 तक विदेश मंत्री के पद पर रह चुकी हैं। उस वक्त उनका नाम बिलावल भुट्टो से जोड़कर लिया गया था।
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार की कैबिनेट में कुछ पुराने चेहरों को दोबारा मौका दिया गया है। इसमें एक नाम बेहद दिलचस्प है। ये नाम है हिना रब्बानी खार का। हिना, यूसुफ रजा गिलानी की सरकार में मंत्री पद संभाल चुकी हैं। वो फरवरी 2011 से मार्च 2013 तक देश की विदेश मंत्री रह चुकी हैं। उस वक्त भी उन्होंने मीडिया की सुर्खियां बटोरी थीं। हिना पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की नेता हैं, जिसके पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक सांसद हैं। मौजूदा हुकूमत में सभी पार्टियों के नुमांइदों को सरकार में शामिल होने का मौका दिया गया है।
खार के राजनीतिक करियर पर एक नजर
पंजाब के जाट परिवार से ताल्लुक रखने वाली हिना एक राजनीतिक परिवार से आती है। उनके पिता गुलाम नूर रब्बानी खार पंजाब के बड़े कद के नेता थे और नेशनल असेंबली के सदस्य भी थे। उनके नाना गुलाम मुस्तफा खार पंजाब के मुख्यमंत्री के अलावा गवर्नर भी रह चुके हैं। वर्ष 2002 के आम चुनाव में नेशनल असेंबली की मुजफ्फरगढ़-2 सीट से हिना ने पहली बार जीत दर्ज की थी। यहां से पहले उनके पिता भी चुनाव जीतते रहे हैं। पूर्व में हिना पाकिस्तान मुस्लिम लीग के खिलाफ मैदान में उतर चुकी हैं। ये बात और है कि अब वो पीएमएल-एन के नेतृत्व वाल सरकार का ही हिस्सा हैं।
2009 में थामा था पीपीपी का हाथ
पीएमएल-क्यू से जीत दर्ज करने के बाद उन्हें शौकत अजीज की सरकार में आर्थिक नीतियों के मंत्रालय में उप मंत्री बनाया गया था। 2009 में उन्होंने पीपीपी का हाथ थाम लिया और वित्त और आर्थिक मामलों के मंत्रालय का दायित्व उनको दिया गया। हिना रब्बानी खार लाहौर यूनिवर्सिटी आफ मैनेजमेंट सांइस से ग्रेजुएट हैं। इसके बाद उन्होंने अमेरिका की मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से बिजनेस मैनेजमेंट में एमएससी किया है।
नेशनल असेंबली में बजट पेश करने वाली पहली महिला
पाकिस्तान के इतिहास में वो पहली महिला मंत्री हैं, जिन्होंने नेशनल असेंबली में बजट पेश किया था। जुलाई 2011 में उन्हें यूसुफ रजा गिलानी की सरकार में विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हालांकि, उनका इस पद का कार्यकाल काफी छोटा रहा और कुछ विवादों के चलते उन्हें वर्ष 2013 में अपने पद से हाथ धोना पड़ा था। इसी दौरान उनका नाम पीपीपी नेता और बेनेजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो से जोड़ा गया था।
पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचने में रही सफल
हालांकि, इस छोटे से कार्यकाल में उन्होंने पूरे विश्व का ध्यान अपनी तरफ खींचा था। अपने कार्यकाल के दौरान हिना ने वर्ल्ड इकनामिक फोरम को संबोधित किया और बेहतर संबंधों को बनाने के लिए अमेरिका का भी दौरा किया। वर्ष 2013 में ही हिना ने एक्टिव पालिटिक्स से रिटायर होने की भी घोषणा की थी। वर्ष 2018 में वो दोबारा एक्टिव पालिटिक्स से जुड़ी थीं।
मीडिया की बनी थी सुर्खियां
जिस वक्त हिना को पाकिस्तान की विदेश मंत्री बनाया गया था, तब भारत के अखबारों में उन्हें सुर्खियों पर छापा था। सोशल मीडिया में भी उनके नाम पर काफी कुछ कहा गया था। वर्ष 2011 में वो भारत दौरे पर आई थीं तब वो एक मंत्री से अधिक फैशन आइकान के तौर पर देखी गई थीं। उस वक्त भारतीय मीडिया में उनके गोगल्स से लेकर उनके परफ्यूम की खूशबू तक का जिक्र किया गया था। उनके ग्लैमरस रूप की चारों तरफ चर्चा हुई थी।