पाकिस्तान के 161 सांसद नहीं देते हैं आयकर, रिटर्न भी नहीं किया दाखिल

पाकिस्तान में सौ से अधिक सांसद ना तो आयकर भरते हैं और ना ही उनका नाम पाकिस्तान राजस्व संघीय बोर्ड (एफबीआर) में पंजीकृत है। पाकिस्तान के कुल 1170 सांसदों में से करीब 161 संसद सदस्यों ने ना तो आयकर भरा है और ना ही उन्होंने रिटर्न दाखिल किया है।

 

नई दिल्ली,  पाकिस्तान में सौ से अधिक सांसद ना तो आयकर भरते हैं और ना ही उनका नाम पाकिस्तान राजस्व संघीय बोर्ड (एफबीआर) में पंजीकृत है। एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के कुल 1,170 सांसदों में से करीब 161 संसद सदस्यों ने ना तो अपनी आय पर आयकर भरा है और ना ही उन्होंने अपना आयकर रिटर्न दाखिल किया है। यह पाकिस्तानी सांसद कर कानूनों का उल्लंघन तब कर रहे हैं, जबकि उनकी इससे संपत्ति करीब 35 अरब रुपये है।

103 से अधिक सांसदों के पास आठ अरब रुपये से अधिक की संपत्ति

आधिकारिक रिकार्ड के मुताबिक इनमें से कुछ सांसदों के नाम तो कर अधिकरण में पंजीकृत तक नहीं हैं। आधिकारिक दस्तावेजों की जांच में पता चला है कि 103 से अधिक सांसदों के पास आठ अरब रुपये से अधिक की संपत्ति है। लेकिन वह कभी कोई कर नहीं भरते हैं। इनमें से 76 सांसद पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक दलों से हैं। जबकि दो तो इमरान खान की सरकार में मंत्री भी हैं। चार सांसद ऐसे हैं जिन्होंने कर देने में अनियमितताएं की हैं और उनकी करोड़ों की अचल संपत्तियां दुबई, नार्वे और लंदन में पिछले एक दशक से हैं। इनमें से एक दर्जन सांसदों ने अपनी आय के स्रोतों में रियल स्टेट व्यापार से लेकर पेट्रोल पंप समेत दर्जनों व्यवसाय बता रखे हैं।

 

कंगाल हुआ पाक‍िस्‍तान 

पिछले दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक कार्यक्रम में स्वीकार किया था कि देश की आर्थिक हालात बेहद खराब है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के पास देश चलाने के लिए पैसा नहीं है। बढ़ता विदेशी कर्ज और कम कर वसूली राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बन गया है। इमरान ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी समस्या यह है कि हमारे पास इतना पैसा नहीं है कि हम अपना देश चला सकें, जिसके कारण हमें कर्ज लेना पड़ता है। खस्ताहाल पाकिस्तान का हाल यह है कि उसके विदेशों में पाकिस्तानी दूतावास के पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि कर्मचारियों को वेतन दे सके। खबरों के अनुसार दूतावास के कुछ कर्मचारियों को चार महीने से वेतन नहीं मिला है। हालांकि पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी इन खबरों को लेकर सवालों से बचते नजर आए।

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