दीवान तथा सिपाहियों के वाहन भत्ते के बढ़ने की सूचना पुलिसकर्मियों को समाचार पत्रों द्वारा पता चली , पुलिसकर्मी अभी शासनादेश की प्रतिक्षा कर रहे हैंं। इतना कम वाहन भत्ता देकर घटना स्थल पर तत्काल पहुंचना या बाइक सवार अपराधियों का पीछा करना मुश्किल है।
लखनऊ : आवाज़ — ए — लखनऊ ~ अनिल मेहता” लखनऊ -एक राज्य कर्मचारी 365 दिन में 119 दिन अवकाश प्राप्त करता है जिसमें 52 दिन रविवार 12 सेकेंड , सैटरडे तथा 43 दिन राजपत्रित अवकाश इसके अलावा रिस्ट्रिक्टेड हालीडे एक अराजपत्रित पुलिसकर्मी साल में 265 दिन कार्य करते हैं और 12 महीने का वेतन लेते हैं पुलिसकर्मी साल के 365 दिन कार्य करते हैं और उन्हें केवल 30 दिन का वेतन देकर 365 दिन काम लिया जाता है पुलिस कार्यालय में नियुक्त पुलिसकर्मचारी भी लगभग-लगभग सभी दिन कार्य करते हैं कोई ऐसा दिन नहीं होता जिस दिन पुलिस कार्यालय न खुले, 2015-16 उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने पुलिस कर्मचारियों को महीने में तीन दिनो का अवकाश घोषित किया था,
समय के साथ वह भी ठंडे बस्ते में चला गया। इसी तरह वाहन भत्ते की अगर बात करें तो उसमें भी पुलिसकर्मियों के साथ न्याय नहीं है, दीवान तथा सिपाहियों के वाहन भत्ते के बढ़ने की सूचना पुलिसकर्मियों को समाचार पत्रों द्वारा पता चली , पुलिसकर्मी अभी शासनादेश की प्रतिक्षा कर रहे हैंं। इतना कम वाहन भत्ता देकर घटना स्थल पर तत्काल पहुंचना या बाइक सवार अपराधियों का पीछा करना मुश्किल है। इतनी दुश्वारियां झेलते हुए पुलिसकर्मियों से सरकार कहती है अपराध कन्ट्रोल करो? सरकार में बैठे बुद्धिजीवी इस पर ध्यान दे कृपया बताएं?