कानपुर चकेरी के श्याम नगर डी ब्लाक में बड़ा मामला सामने आया है। यहां बिल्डर से पैसे मांगना ठेकेदार को भारी पड़ गया। बकाया के 18 लाख रुपये मांगने पर ठेकेदार को बिल्डर ने जिंदा जला दिया।
कानपुर । बकाया मांगने पहुंचे ठेकेदार राजेंद्र पाल को बिल्डर शैलेंद्र श्रीवास्तव ने अपने मुंशी राघवेंद्र तिवारी के साथ मिलकर पेट्रोल डाल जिंदा फूंका दिया। घटना चकेरी थानाक्षेत्र के श्यामनगर मोहल्ले के डी ब्लाक की है। डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि बेटे की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। ठेकेदार के मृत्यु पूर्व दिए गए बयान के आधार पर बिल्डर और मुंशी को गिरफ्तार किया गया है। पता चला है कि ठेकेदार को बिल्डर से 18 लाख रुपये लेने थे।
चकेरी के लाल बंगला, एनटू रोड स्थित एमईएस कालोनी निवासी 59 वर्षीय राजेंद्र पाल बिल्डिंगों के निर्माण से जुड़े काम ठेके पर करते थे। परिवार में पत्नी मीना पाल, शादीशुदा बेटा अरविंद और बेटी पुष्पा है। स्वजन ने बताया, राजेंद्र बीते कई वर्षों से श्याम नगर के डी ब्लाक में रहने वाले बिल्डर शैलेंद्र श्रीवास्तव की बिल्डिगों में निर्माण कार्य ठेके पर करते थे। इस समय सुभाषनगर स्थित साइट पर काम चल रहा है। साइट की जमीन नरेश घई की है। राजेंद्र पाल को बिल्डर से 18 लाख रुपये लेने थे। आरोप है कि बकाया रुपयों के लिए वह बीते कई सालों से टरका रहा था। बेटे अरविंद ने बताया, बुधवार सुबह 11 बजे पिता घर से बिल्डर के यहां बकाया रकम का हिसाब करने जाने की बात कहकर निकले थे।
इसके बाद दोपहर करीब 12:30 बजे नरेश घई के भतीजे अनीश ने उनको फोन कर बताया कि उनके पिता बिल्डर के घर जा रहे हैं, जहां विवाद हो सकता है। इस पर वह बिल्डर के घर की तरफ निकले। मौके पर पहुंचे तो आग का गोला बने पिता बिल्डर के घर के बाहर इधर-उधर भाग रहे थे। उन्हें लेकर पहले कांशीराम ट्रामा सेंटर गए, जहां हालत गंभीर देख उर्सला अस्पताल भेज दिया गया। उर्सला में उपचार के दौरान पिता की मौत हो गई। मृत्यु पूर्व ठेकेदार ने पुलिस व मीडिया को बताया कि वह बिल्डर के घर बकाया रकम का हिसाब करने पहुंचे थे। बातचीत के दौरान कहासुनी के बाद बिल्डर शैलेंद्र ने अपने मुंशी के साथ मिलकर उनसे मारपीट शुरू कर दी। आरोप लगाया कि इसके बाद दोनों ने पेट्रोल डालकर उन्हें जिंदा फूंक दिया।
बिल्डर के कारण कर्ज में थे ठेकेदार
मृतक ठेकेदार के स्वजन ने बताया कि बिल्डर से उन्हें 18 लाख रुपये लेने थे। आरोपित बिल्डर का अपार्टमेंट बनाने के लिए उन्होंने बाजार से ब्याज पर कर्ज ले रखा था। बाजार की रकम चुका नहीं पाने के कारण उन पर लगातार कर्ज बढ़ता जा रहा था। जब भी पीड़ित ठेकेदार बिल्डर से अपनी फंसी रकम मांगते थे। वह टाल देता था। बाजार के बढ़ते कर्ज के कारण वह मानसिक तनाव में चल रहे थे।
जमीन के मालिक ने भी बिल्डर पर लगाए धोखाधड़ी के आरोप
चकेरी के सुभाष रोड निवासी नरेश घई ने बताया कि उनकी 1100 गज की पैतृक जमीन थी। जिसका बिल्डर शैलेंद्र श्रीवास्तव ने 2015 में रजिस्टर्ड बिल्डर एग्रीमेंट किया था। जिसमें उनके सभी भाई-बहन राजी थे। जिसके बाद उन्होंने ग्राउंड फ्लोर के साथ तीन मंजिल का नक्शा पास होने की जानकारी दी। साथ ही 30 माह में अपार्टमेंट तैयार करने की बात कही थी। आरोप है कि बिल्डर ने नक्शे के अतिरिक्त फ्लोर बनाए तो उन्होंने विरोध जताया। जिसके बाद उन्होंने जानकारी कि तो पता चला कि बिल्डर ने नक्शे के अनुसार बिल्डिंग नहीं बनाई है।
पुलिस कार्रवाई करती तो शायद बच जाती जान
मृतक ठेकेदार राजेंद्र पाल की बेटी पुष्पा ने बताया कि करीब बीते 10 सालों से पापा बिल्डर के साथ काम करते थे। वह अक्सर पापा की पेमेंट रुक लेता था। जिस कारण पापा को करीब 18 लाख रुपये बिल्डर पर बकाया थे। कोरोना काल से पहले से पापा बिल्डर से अपनी रकम मांग रहे थे। लेकिन बिल्डर हमेशा रुपये देने के लिए टाल मटोल करता था। इस बीच पापा ने कई बार पुलिस से मामले की शिकायत भी की लेकिन पुलिस ने बिल्डर पर कोई कार्रवाई नहीं की। जिस कारण पापा काफी समय से मानसिक तनाव में चल रहे थे। अगर पुलिस ने उस वक्त उनकी शिकायत पर कार्रवाई की होती तो शायद आज पापा जिंदा होते।