बच्चों की कोरोना वैक्सीन की मंजूरी पर बयान देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि अभी काम चल रहा है। मुझे लगता है कुछ कन्फ्यूजन सामने आ रही है। अभी डीसीजीआई की भी मंजूरी नहीं मिली है।
नई दिल्ली । आज सुबह ऐसी खबर आई थी कि 2-18 साल के बच्चों के लिए सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने डीसीजीआई (ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) को भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन के उपयोग के लिए एक सिफारिश की है। इसके तहत कोवैक्सीन के उपयोग के लिए मंजूरी मिल गई है। 2 साल से 18 साल के बच्चों को कोवैक्सीन का टीका लगाया जा सकेगा।
शाम को बच्चों की कोरोना वैक्सीन की मंजूरी पर बयान देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि अभी काम चल रहा है। मुझे लगता है कुछ कन्फ्यूजन सामने आ रही है। अभी डीसीजीआई की भी मंजूरी नहीं मिली है। विशेषज्ञ निर्णय लेंगे, उसके बाद वैक्सीन आएगी। प्रक्रिया चल रही है और हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करते हैं।
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से बच्चों पर चल रहे कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के नतीजे संतोषजनक हैं। इसमें तीन ट्रायल हो चुके हैं। ट्रायल के नतीजे डीसीजीआई को सौंपे जा चुके हैं।ऐसे में जल्द ही सरकार की ओर से बच्चों को कोरोना टीका लगाने से जुड़े दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं। बच्चों को कोरोना वैक्सीन की कितनी डोज दी जाएंगी? अगर एक से ज्यादा डोज दी जाएंगी, तो उनमें कितना अंतर होगा? बच्चों पर कोरोना वैक्सीन कितनी असरदार साबित हुई है? इन सवालों का जवाब अभी आधिकारिक सूत्रों से मिलना बाकी है। हालांकि, ऐसा माना जा रहा है कि बच्चों को भी कोरोना की दो डोज लेनी होंगी।
भारत में इससे पहले जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए डीसीजीआइ से मंजूरी मिल चुकी है। यह 12 साल के बच्चों, किशोरों और बड़ों को लगाई जा सकेगी। भारत में बनी यह दुनिया की पहली डीएनए बेस्ड वैक्सीन थी। बता दें कि भारत में इस समय कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक-वी वैक्सीन सिर्फ वयस्कों को दिए जा रहे हैं। इन वैक्सीन की दो डोज दी जाती है। भारत में अब तक लगभग 97 करोड़ लोगों को कोरोना की डोज दी जा चुकी हैं।