बड़ी तैयारी : ऑयल पीएसयू में खत्म होगी क्रॉस होल्डिंग, जानिए इसके जरिए किस चीज पर है सरकार की निगाह,

सरकार तेल क्षेत्र की सरकारी कंपनियों में मौजूदा क्रॉस होल्डिंग स्ट्रक्चर को खत्म करने की तैयारी कर रही है। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के परिचालन में एकीकरण लाने और निजीकरण की राह पर बढ़ने की दिशा में योजना बना रही है।

 

नई दिल्ली,  सरकार तेल क्षेत्र की सरकारी कंपनियों में मौजूदा क्रॉस होल्डिंग स्ट्रक्चर को खत्म करने की तैयारी कर रही है। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के परिचालन में एकीकरण लाने और निजीकरण की राह पर बढ़ने की दिशा में योजना बना रही है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जल्द ही ऑयल सेक्टर पीएसयू को अन्य सरकारी कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी से बाहर आने का निर्देश दिया जा सकता है।

सरकार को मिलेंगे 50,000 करोड़ रुपये

सूत्रों के मुताबिक, यह कदम चरणबद्ध तरीके से और बाजार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बढ़ाया जाएगा, ताकि इन शेयरों के बदले अधिकतम कीमत मिल सके। एक अनुमान के मुताबिक, इस तरह की सभी हिस्सेदारियों को बेचकर 40,000 से 50,000 करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं। माना जा रहा है कि कंपनियां हिस्सेदारी बेचने के बाद लाभांश के तौर पर सरकार को पैसा देंगी।

जानिए किस वजह से क्रॉस होल्डिंग खत्म करना चाहती है सरकार

सरकार इसलिए क्रॉस होल्डिंग खत्म करना चाह रही है, क्योंकि इसके एकीकरण एवं निजीकरण रोडमैप में दो से तीन बड़ी एकीकृत कंपनियां गठित करने का लक्ष्य है। इस स्थिति में क्रॉस होल्डिंग को गैर प्रतिस्पर्धी और हितों के टकराव का मामला माना जा सकता है। जानकार इसलिए भी इसे जरूरी मान रहे हैं, ताकि किसी कंपनी के निजीकरण के बाद उसमें सरकार हस्तक्षेप की गुंजाइश न रहे।

क्रॉस होल्डिंग नहीं होने से किसी कंपनी के विनिवेश की दिशा में कदम बढ़ाना आसान होता है। ओएनजीसी द्वारा एचपीसीएल का आसानी से हुआ अधिग्रहण इसका उदाहरण है। बीपीसीएल में भी कोई क्रॉस होल्डिंग नहीं होने से उसके लिए रणनीतिक निवेशक खोजना आसान होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *