टी-20 में दुनिया के नंबर एक गेंदबाज दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेटर तरबेज शाम्सी ने बायो बबल में रहने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कि क्रिकेटर्स कभी-कभी बायो-बबल में पिंजड़े में सर्कस के जानवरों की तरह महसूस करते हैं।
डबलिन, कोरोना महामारी से खिलाड़ी काफी प्रभावित हुए हैं। उन्हें बायो बबल में काफी समय बिताना पड़ा रहा है। इससे उन्हें काफी दिक्कत झेलनी पड़ती है। समय-समय पर खिलाड़ी इसके कारण होने वाली परेशानी के बारे में बताते हैं। अब टी-20 में दुनिया के नंबर एक गेंदबाज दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेटर तरबेज शाम्सी ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कि क्रिकेटर्स कभी-कभी बायो-बबल में ‘पिंजड़े में सर्कस के जानवरों’ की तरह महसूस करते हैं।
हाल ही में, इंग्लैंड के तीन क्रिकेटर्स और उनके सहयोगी स्टाफ के चार सदस्य ने कोविड पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) को बायो-बबल में छूट देने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा। यही नहीं इंग्लैंड दौरे पर गई टीम इंडिया के विकेटकीपर-बल्लेबाज रिषभ पंत और सहयोगी स्टाफ सदस्य दयानंद गर्नी ने भी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं।
इस बीच शम्सी ने ट्वीट करके कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हर कोई वास्तव में यह समझता है कि इन चीजों का हम पर, हमारे परिवार और क्रिकेट के बाहर हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है। कभी-कभी ऐसा लगता है कि हम पिंजरे में बंद सर्कस के जानवर हैं, जिन्हें केवल तभी बाहर ले जाया जाता है, जब अभ्यास करना होता है या भीड़ का मनोरंजन करने के लिए मैच खेलने का समय होता है।’
इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के मुख्य कार्यकारी टॉम हैरिसन ने गुरुवार को कहा था कि बोर्ड ने खिलाड़ियों कओ उनके मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए बायो-बबल में छूट देने का फैसला किया है। ईएसपीएक्रिकइंफो के अनुसार हैरिसन ने कहा,’ हम चाहते हैं कि खिलाड़ी कोई भी टूर्नामेंट में खेल रहे हों, उसमें खेलने को लेकर अच्छा महसूस करें, चाहे वह हंड्रेड हो, चाहे वह भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज हो, चाहे वह काउंटी क्रिकेट हो और आरएल50। घर हो या प्रोफेशनल क्रिकेट हम चाहते हैं कि वे महसूस करें कि उनका जीवन बेहतर तरीके से चल रहा है।’