बिजनौर में 132 पुलिसवालों ने नहीं दिया संपत्ति का विवरण

संपत्ति का विवरण देने में अभी भी पुलिसकर्मी लेट लतीफी कर रहे हैं। बिजनौर में एसपी ने दो दिन का समय दिया है। हालांकि शासन ने विवरण भरने की समय 31 अगस्त तय की थी। समय सीमा समाप्त हो रही थी। शासन की ओर से फिर एक महीना बढ़ा दी है। आठ निरीक्षक 37 दारोगा और 87 सिपाहियों ने अभी भी संपत्ति का विवरण नहीं दिया है।

 

बिजनौर। मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण देना पुलिसकर्मियों की गले की फांस बन गया है। जिले में अब तक 132 पुलिसकर्मी विवरण नहीं दे पाए हैं। एसपी ने संपत्ति विवरण दर्ज करने के लिए दो दिन के समय दिया है। विवरण दर्ज करने पर लापरवाही करने पर इस महीने का वेतन रिलीज नहीं किया जाएगा। हालांकि, शासन की ओर से पोर्टल पर चल-अचल संपत्ति का विवरण भरने के लिए अब एक महीने का समय दे दिया गया है।सरकार की ओर से सभी विभागों के कर्मचारियों को मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण दर्ज करने का फरमान जारी किया गया था। पुलिस महकमे में निरीक्षक, दारोगा और सिपाही को विवरण दर्ज करना था। अभी तक कुछ पुलिसकर्मी लापरवाह बने हुए हैं। संपत्ति विवरण दर्ज करने की जुगत तलाश रहे हैं। जिले में 132 पुलिसकर्मी पोर्टल पर अपनी जायदाद की बारे में जानकारी दर्ज नहीं करा पाए हैं। इनमें आठ निरीक्षक, 37 दारोगा और 87 सिपाही शामिल हैं। एसपी ने सभी को दो दिन का समय दिया है। विवरण नहीं भरने पर अगले महीने के वेतन को रोका जाएगा।

पत्नी और बेटों की भी देनी है जानकारी

पुलिसकर्मियों के लिए यह पोर्टल मुसीबत बना हुआ है। इसमें संपत्ति की जानकारी भरने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। काफी पुलिसकर्मियों को इसके लिए सीए या अन्य एक्सपर्ट की मदद लेनी पड़ी। पुलिसकर्मियों में हलचल मची रही। क्योंकि पुलिसकर्मी को इस पोर्टल में अपनी पैत्रिक संपत्ति के अलावा खरीदी संपत्ति के बारे में जानकारी देनी है। वहीं अपनी, पत्नी और बेटों के नाम खरीदी चल-अचल संपत्ति के बारे में बताना है। इसके अलावा पुलिसकर्मी ने अपने किसी रिश्तेदार या परिचित के नाम से कोई संपत्ति खरीदी है। इसका विवरण भी भरना है। कार, ज्वेलरी, नकदी, मकान और जमीन के बारे में विवरण दर्ज करना था।

 

132 पुलिसकर्मियों ने अभी तक अपनी संपत्ति का विवरण मानवा संपदा पोर्टल पर नहीं दिया है। उन्हें दो दिन का समय दिया गया है। इस बार विवरण नहीं भरने पर वेतन रोकने या अन्य कार्रवाई की जा सकती है। अभिषेक झा, एसपी  

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