बैंक में रखे-रखे सड़-गल गए 17.7 लाख रुपये के 1.28 लाख नोट, PNB के करंसी चेस्ट में मिली थीं RBI को कई खामियां

कानपुर में पंजाब नेशनल बैंक की पांडु नगर स्थित शाखा की करंसी चेस्ट के निरीक्षण में रिजर्व बैंक की टीम को कई खामियां मिली थीं। करंसी चेस्ट से जुड़े रहे चार बैंक अफसरों को लापरवाही पर निलंबित कर दिया गया है।

 

कानपुर : पंजाब नेशनल बैंक की पांडु नगर शाखा स्थित करंसी चेस्ट में तैनात रहे चार अफसरों का निलंबन होने के बाद उनके द्वारा बरती गई लापरवाही का पुलिंदा खुलकर सामने आया है। यहां रखे-रखे 17.7 लाख रुपये के 1.28 लाख नोट गल गए तो करीब 42 लाख रुपये कम निकले हैं। रिजर्व बैंक की टीम को निरीक्षण में कई खामियां मिली हैं।

350 करोड़ रुपये की लिमिट का है करंसी चेस्टपंजाब नेशनल बैंक की पांडु नगर शाखा स्थित करंसी चेस्ट की लिमिट 350 करोड़ रुपये है, लेकिन नोटों के रखरखाव की स्थिति इसी से पता चलती है कि यहां 17.7 लाख रुपये कीमत के नोट नमी के चलते गल गए। इन नोटों की संख्या 1.28 लाख है। रिजर्व बैंक की आडिट टीम ने अपनी रिपोर्ट में भी उल्लेख किया है कि चेस्ट करंसी के कारिडोर से ड्रेनेज पाइप गुजर रहा है, जिसकी वजह से नमी हुई है। आडिट टीम को अपने निरीक्षण में नोटों के बंडल की न तो कलर कोडिंग मिली, न नोट अलग-अलग बाक्स में रखे मिले।

कलर कोडिंग में भी पाई गई अनियमितताजांच में पाया गया कि 10 रुपये के 79 हजार और 20 रुपये के 49 हजार नोट नमी के चलते गल गए। टीम को वाल्ट के बाहर भी नोट रखे मिले। इसके साथ ही 10 बक्से खराब भी मिले। जांच के दौरान नोटों के बंडलों पर होने वाली कलर कोडिंग में भी अनियमितता पाई गई। न तो कलर कोडिंग की गई न ही नए, दोबारा जारी होने योग्य और बेकार नोटों को अलग-अलग बक्सों में रखा गया। इतना ही नहीं 50 रुपये के 20 हजार और 100 रुपये के तीन हजार नोट की गितनी गलत मिली। इसके साथ ही वाल्ट को संयुक्त रूप से दो अधिकारियों को संचालित करना चाहिए, लेकिन बहुत से मौकों पर ऐसा नहीं किया गया।

उपकरण नहीं कर रहे थे कामनिरीक्षण के दौरान हाट लाइन, आटो डायलर, सिक्योरिटी अलार्म सिस्टम, बायोमीट्रिक्स एसेस कंट्रोल सिस्टम और यूवी लैंप लगे तो मिले, लेकिन वे काम नहीं कर रहे थे। इनका पाक्षिक निरीक्षण भी नहीं किया गया।

चेस्ट के हर हिस्सा कैमरे की जद में नहींचेस्ट में सीसीटीवी कैमरे तो लगे हैं लेकिन वह उसके हर हिस्से को कवर नहीं कर रहे हैं। कारिडोर में भी कैश रखा जाता है, लेकिन वहां सीसीटीवी कैमरा नहीं है। सीसीटीवी कैमरों की क्वालिटी ठीक नहीं है। इसलिए उन्हें अपग्रेड करने की संस्तुति की गई है। एक कैमरा बंद भी मिला। इतना ही नहीं सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग देखने पर यह भी पता चला कि बहुत से मौकों पर कर्मचारियों व अन्य अधिकृत लोगों की अंदर आते और बाहर जाते समय कोई जांच नहीं की जाती।

इस तरह चली प्रक्रिया

  • रिजर्व बैंक की ओर से 25 जुलाई 2022 से 29 जुलाई 2022 तक निरीक्षण चला।
  • एक अगस्त 2022 को देवी शंकर ने करेंसी चेस्ट की समस्याओं और कैश काउंटिंग के लिए कार्यालय को सूचना दी।
  • पांच सितंबर से नौ सितंबर तक वाराणसी की टीम ने निरीक्षण किया।

करेंसी चेस्ट का शाखा के मुख्य प्रबंधक को हर माह निरीक्षण करना चाहिए। बैंक के सर्किल हेड को हर छह माह में निरीक्षण करना चाहिए।

 

निलंबित अधिकारियों की गतिविधि

  • देवी शंकर 25 जुलाई 2022 को करेंसी चेस्ट पहुंचे। रुपये सड़ने, गलने और कमी का मामला इससे पहले से था।
  • आशा राम करेंसी चेस्ट में छह जून 2022 को पहुंचे। उनका रिटायरमेंट 31 मई 2023 को होना है।
  • राकेश कुमार अधिकारी करेंसी चेस्ट में 16 जुलाई 2020 से हैं।
  • भास्कर कुमार भार्गव जून 2022 में करेंसी चेस्ट से जवाहर नगर उन्नाव स्थानांतरित हो गए थे।
  • जून 2022 में पांडु नगर चेस्ट से कैश का जयपुर भेजा गया था इसके लिए राकेश कुमार को भेजा गया था। इसके बाद चेस्ट में लगभग एक सप्ताह तक आशा राम ने अकेले कार्य किया। बाद में भास्कर कुमार भार्गव को करेंसी चेस्ट जवाहर नगर उन्नाव से डेपुटेशन पर बुलाया गया था।

रिजर्व बैंक को लिखा पत्रवी बैंकर्स के राष्ट्रीय संयोजक कमलेश चतुर्वेदी ने रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर कहा है कि इस मामले की रिजर्व बैंक या सरकारी जांच एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए। मामले में संलिप्त सभी बड़े अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

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