अगर राजनीति में लख़नऊ की बात करें तो 9 सीटों में से दो सीटें भारतीय जनता पार्टी के हाथों से चली गई सूत्रों की माने तो पार्टी के कार्यकर्ता पहले ही आकड़े लगा रहे थे कि पश्चिम विधान सभा और मध्य विधान सभा सीट नही मिलेगी इस पर भी पार्टी को विचार करना चाहिए !
लखनऊ ; उत्तर प्रदेश में भाजपा ने मोदी, योगी के नेतृत्व में प्रचंड विजय हासिल की सन 1937 के बाद यह प्रथम बार है कि दुबारा मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य योगी आदित्यनाथ जी को मिला। 1937 से अब तक कोई भी लगातार दो बार मुख्यमंत्री पद पर उत्तर प्रदेश में नहीं आया था ! ये श्रेय केवल योगी आदित्यनाथ जी को मिला। भाजपा उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत से जीत तो गई परन्तु इस जीत के बाद भाजपा को अत्यंत सतर्क रहना होगा। क्यों कि चाहे कोरोना कारण रहा हो या अन्य कोई कारण इस बात से किसी को इन्कार नहीं हो सकता कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर जनता से जुड़ी अन्य छोटी-छोटी समस्याओं की ओर नहीं गईं।
उदाहरर्थ लखनऊ शहर के अन्दर नगर निगम पर विशेष ध्यान दे क्योंकि कमिशन के चलते मानक रूप से काम सही नही हो पाते यही कारण है कि जगह जगह टूटी हुई सड़कें,शहर की बदहाल सफाई व्यवस्था आदि-आदि खास तौर से सड़कों पर घूमते छुट्टा जानवर, विरोधी राजनीतिक दलों की तीक्ष्ण दृष्टि इस पर होगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बहुत ही सर्तक रहना होगा, अगर राजनीति में लख़नऊ की बात करें तो 9 सीटों में से दो सीटें भारतीय जनता पार्टी के हाथों से चली गई सूत्रों की माने तो पार्टी के कार्यकर्ता पहले ही आकड़े लगा रहे थे कि पश्चिम विधान सभा और मध्य विधान सभा सीट नही मिलेगी इस पर भी पार्टी को विचार करना चाहिए ! जिसने जरा सी भी लापरवाही पर राजनीतिक दल बलवा करने का मौका हाथ से नहीं जाने देंगे।