डिंपल यादव ने लोकसभा में भी महिला आरक्षण वंदन अधिनियम पर चर्चा में विधेयक का समर्थन तो किया था लेकिन यह भी कहा था कि जरूरी है कि पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों को भी इस आरक्षण का लाभ प्रदान किया जाए। डिंपल ने यह भी सवाल किया था कि क्या यह आरक्षण लोकसभा और विधानसभाओं के साथ-साथ राज्यसभा और राज्यों में विधान परिषदों में भी लागू किया जाएगा।
नई दिल्ली । महिला आरक्षण बिल में पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों को शामिल न करने को लेकर सपा सांसद डिंपल यादव ने भाजपा सरकार नीति और नियत पर सवाल उठाए हैं। डिंपल ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि भाजपा सरकार की नीति व नियत पर भरोसा नहीं किया जा सकता। डिंपल यादव ने आगे लिखा, ”भाजपा का अस्तित्व पिछड़ी, अति पिछड़ी जातियों पर निर्भर है। यह सरकार नहीं चाहती कि पिछड़ी और अति पिछड़ी जाति की महिलाएं संसद और विधानसभाओं तक पहुंचकर देश की आवाज़ बनें तथा उनको सामाजिक और राजनैतिक हिस्सेदारी मिले।”
बता दें, डिंपल यादव ने लोकसभा में महिला आरक्षण वंदन अधिनियम पर चर्चा में विधेयक का समर्थन तो किया, लेकिन यह भी कहा कि जरूरी है कि पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों को भी इस आरक्षण का लाभ प्रदान किया जाए। डिंपल ने यह भी सवाल किया था कि क्या यह आरक्षण लोकसभा और विधानसभाओं के साथ-साथ राज्यसभा और राज्यों में विधान परिषदों में भी लागू किया जाएगा। सपा नेता ने कहा कि क्रांति के बिना विकास संभव नहीं होता। विकास के लिए जरूरी है कि ओबीसी, एससी-एसटी और अल्पसंख्यकों को भी यह आरक्षण दिया जाए।
डिंपल ने पूछा था कि क्या दोनों सदनों से इस बिल के पारित हो जाने के बाद महिला आरक्षण को तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और मिजोरम में इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों में लागू किया जाएगा। सपा सांसद ने सरकार से पूछा कि जनगणना कब शुरू होगी और क्या सरकार जातिवार आंकड़े भी एकत्र करने जा रही है।