भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में मई महीने में आई गिरावट, कोरोना संकट बना कारण

आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मई महीने में गिरकर 50.8 पर आ गई है। यह अप्रैल महीने में 55.5 पर थी। इस दौरान कंपनियों ने कोरोना संकट की तीव्रता के चलते नए काम और उत्पादन में दस महीनों की सबसे धीमी वृद्धि देखी।

 

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की गतिविधियों में मई महीने में गिरावट दर्ज हुई है। एक मासिक सर्वे से मंगलवार को जानकारी मिली कि कोविड-19 संकट की तीव्रता और इससे मांग पर पड़े बुरे प्रभाव के चलते मई महीने में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में ग्रोथ की गति काफी धीमी रही है। आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मई महीने में गिरकर 50.8 पर आ गई है। यह अप्रैल महीने में 55.5 पर थी। इस दौरान कंपनियों ने कोरोना संकट की तीव्रता के चलते नए काम और उत्पादन में दस महीनों की सबसे धीमी वृद्धि देखी।

यहां बता दें कि पीएमआई अगर 50 से ऊपर है, तो वह विस्तार को दर्शाती है। वहीं, अगर यह 50 से कम है, तो यह सिकुड़न को दर्शाती है। IHS मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) सर्वे हर महीने जारी होता है।

IHS Markit की इकोनॉमिक एसोसिएट डायरेक्टर Pollyanna De Lima ने कहा, ‘COVID-19 संकट तेज होने के साथ ही भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में तनाव के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। मौजूदा बिक्री, उत्पादन और इनपुट खरीद के प्रमुख संकेतक मई में काफी कमजोर हो गए और वृद्धि की दस महीनों की सबसे धीमी दर दर्ज की। वास्तव में, सभी सूचकांक अप्रैल के मुकाबले निचले स्तर पर थे।’

वहीं, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, अप्रैल, 2021 में आठ प्रमुख उद्योंगों का सूचकांक 126.7 पर रहा है। इस तरह इसमें एक साल पहले अप्रैल, 2020 के सूचकांक की तुलना में 56.1 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि, मासिक आधार पर आठ कोर सेक्टर्स सूचकांक की बात करें, तो इसमें मार्च, 2021 की तुलना में अप्रैल, 2021 में 15.1 फीसद की गिरावट आई है।

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