भारत में साल दर साल के हिसाब से पेट्रोल की डिमांड 416000 बैरल प्रतिदिन हो गई है जबकि डीजल की डिमांड बढ़कर 282000 बैरल प्रतिदिन पहुंच गया है। जबकि अन्य प्रोडक्ट का डिमांड 161000 बैरल प्रतिदिन हो गया है।
नई दिल्ली । भारत में मई में ऑयल प्रोडक्ट की डिमांड में जोरदार इजाफा हुआ है। अगर मई 2022 की बात करें, तो भारत में पिछले साल के मुकाबले तेल की डिमांड में 22 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो कि एक साल पहले मई 2022 के मुकाबले 860,000 बैरल प्रतिदिन रहा। इसका खुलासा S&P ग्लोबल कमोडिटी की इनसाइट रिपोर्ट से हुआ।
तेल की डिमांड में इजाफे की वजह
भारत में तेल की डिमांड में इजाफे की कई सारी वजह हैं। इस साल मई में तेल की डिमांड 80,000 बैरल के आंकडे़ं को पार कर गई हैं। इसकी वजह ग्रोथ अनुमान को माना जाता है। साथ ही ट्रांसपोर्ट डिमांड बढ़ने की वजह से तेल के डिमांड में पिछले माह इजाफा हुआ है। इसके अलावा केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल पर एक्सरसाइज ड्यूटी में 8 रुपये प्रति लीटर की कटौती हुई है। जबकि डीजल पर भी एक्सरसाइज ड्यूटी में भी गिरावट दर्ज की गई। इन सभी कारणों को तेल की डिमांड बढ़ने की वजह माना जा रहा है।
किसका फ्यूल की कितनी रही डिमांड
भारत में साल दर साल के हिसाब से पेट्रोल की डिमांड 4,16,000 बैरल प्रतिदिन हो गई है, जबकि डीजल की डिमांड बढ़कर 2,82,000 बैरल प्रतिदिन पहुंच गया है। जबकि अन्य प्रोडक्ट का डिमांड 1,61,000 बैरल प्रतिदिन हो गया है। केरोसीन की डिमांड भी बढ़कर 67,000 बैरल प्रतिदिन हो गई है। जबकि जेट फ्यूल की डिमांड बढ़कर 25,000 बैरल प्रतिदिन हो गई है। LPG की डिमांड 95,000 बैरल प्रतिदिन है।
किसकी कितनी डिमांड
- पेट्रोल – 4,16,000 बैरल प्रतिदिन
- डीजल – 2,82,000 बैरल प्रतिदिन
- अन्य ऑयल प्रोडक्ट – 1,61,000 बैरल प्रतिदिन
- केरोसीन – 67,000 बैरल प्रतिदिन
- जेट फ्यूल – 25,000 बैरल प्रतिदिन
- LPG – 95,000 बैरल प्रतिदिन