बदायूं में महिला जज ज्योत्सना राय का शव उनके सरकारी आवास पर मिलने की जानकारी गांववालों को हुई तो सभी हैरान रह गए। गांव में ज्योत्सना के घर पर उनके परिजन नहीं रहते हैं, लेकिन घटना की जानकारी होते ही उनके घर पर लोगों का तांता लग गया। लोगों ने कहा कि एक साल पहले ज्योत्सना गांव आई थीं। जज बनने के बाद बीते साल ही वह गांव में पूजा करने के लिए अपने पूरे परिवार के साथ आई थी। बताया कि उसके भाई अशोक कुमार राय अभियोजन विभाग में पीओ पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भाभी पूनम राय के साथ रहते हैं।
मऊ ; तराईडीह गांव निवासी महिला जज ज्योत्सना राय की मौत की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया। घटना को लेकर पूरे दिन चर्चा होती रही। ज्योत्सना राय बदायूं में सिविल जज जूनियर डिवीजन न्यायालय में तैनात थीं। शनिवार की सुबह उनका शव सरकारी आवास में फंदे से लटकता मिला। घटना के समय मृतका के परिजन गांव में नहीं थे, लेकिन गांव की बेटी का इस तरह जाना सभी को हैरान कर दिया। सूचना से गांव का हर व्यक्ति आहत दिखा। उधर, घटना की जानकारी मिलते ही सिविल जज की मौत की सूचना मिलने पर वाराणसी में तैनात इंजीनियर भाई और लखनऊ में रह रहे पिता बंदायूं के लिए रवाना हुए।
दोहरीघाट ब्लाक के तराईडीह गांव निवासी अशोक कुमार राय की पुत्री ज्योत्सना राय वर्तमान में बदायूं जिले में सिविल जज जूनियर डिवीजन के पद पर तैनात थीं। शनिवार को सरकारी आवास में उनका शव फंदे पर लटकते मिलने की सूचना पर वाराणसी के डीएलडब्लू में तैनात इंजीनियर भाई शशांक शेखर राय बदायूं के लिए रवाना हुए। इस घटना को लेकर मृतका के पिता के चचेरे भाई विपिन उर्फ पिंकू राय ने बताया कि उनकी भतीजी बेहद गंभीर और सुलझी हुई युवती थी। जज बनने के बाद बीते साल ही वह गांव में पूजा करने के लिए अपने पूरे परिवार के साथ आई थी। बताया कि उसके भाई अशोक कुमार राय अभियोजन विभाग में पीओ पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भाभी पूनम राय के साथ रहते हैं। जबकि भतीजा शशांक शेखर वाराणसी में डीएलडब्लू में इंजीनियर है, वह अपनी पत्नी के साथ वहीं रहता है।
बताया कि ज्योत्सना के जज बनने से पूरे गांव में हर्ष का माहौल था, आज उसके असमय जाने से हर कोई सकते में है। वहीं ज्योत्सना के पैतृक घर की रखवाली करने वाले रामाशीष यादव ने बताया कि बीते साल बेटी रानी जज बनने के बाद गांव आई थीं, पूरे गांव में उनके आने की सूचना पर सभी खुश थे। बताया कि उनकी बिटिया रानी बेहद कोमल स्वभाव की थी, भावुक होते हुए बताया कि भले ही ज्योत्सना जज बन गई थीं, लेकिन उनके स्वभाव में कोई बदलाव नहीं आया था।