अतीक अहमद के बहनाई अखलाख के घर में 17 घंटे 10 मिनट रहा बमबाज गुड्डू। फुटेज के अनुसार पांच मार्च को डा. अखलाक के यहां पहुंचा और 50 हजार रुपये लेकर गया था छह को असद पहुंचा।
मेरठ, उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार अतीक अहमद के तीसरे नंबर के बेटे असद के बारे में जांच एजेंसियां मान रही हैं कि वह हरियाणा या पंजाब में छिपा है। अतीक का करीबी गुर्गा बमबाज गुड्डू मुस्लिम भी असद के साथ ही है। पांच-पांच लाख रुपये के इन दोनों इनामी अपराधियों के बारे में यह बात नौचंदी थाना क्षेत्र के भवानी नगर से अतीक के बहनोई डा. अखलाक की गिरफ्तारी के बाद साफ हुई है। अखलाक के घर के कुछ वीडियो एसटीएफ को मिले हैं, जिसमें गुड्डू कैद है।
असद ने ली यहां शरण
सीसीटीवी फुटेज पांच मार्च का है। 17 घंटे 10 मिनट रुकने के बाद गुड्डू बस में सवार होकर दिल्ली चला गया था। इसके बाद असद ने यहां शरण ली थी। दरअसल, गुड्डू के आने के बाद ही अखलाक ने सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर को उतार दिया था। अखलाक ने असद को एक लाख और गुड्डू को पचास हजार रुपये भी दिए थे। शनिवार रात दस बजे डा. अखलाक को गिरफ्तार कर टीम प्रयागराज ले गई थी। हत्याकांड को अंजाम देने वाले गुड्डू और अतीक के बेटे असद को अखलाक ने अपने घर में छिपाया था।
गुड्डू बस से मेरठ आया था। सोहराब गेट बस स्टैंड पर उतरने के बाद ई-रिक्शा से अखलाक के घर पहुंचा था। फुटेज में सुबह पांच बजकर 50 मिनट पर गुड्डू हाथ में एक बैग लेकर अखलाक के घर में प्रवेश करता है। बातचीत के बाद उसे बिरयानी बनाकर खिलाई गई। उसी दिन रात 11 बजे गुड्डू बस से दिल्ली के लिए निकल गया। दूसरे दिन छह मार्च को असद यहां पहुंचा था और फूफा अखलाक से एक लाख रुपये लेकर चला गया था।
अखलाक को छुड़वाने थाने पहुंचे थे सपा नेता आदिल चौधरी
एसटीएफ टीम अखलाक को गिरफ्तार कर जब नौचंदी थाने लेकर आई तो चंद मिनट बाद ही सपा नेता आदिल चौधरी पैरवी के लिए थाने पहुंच गए थे। एसटीएफ ने अखलाक की हकीकत दिखाई तो वह उल्टे पांव लौट गए। साबरमती जेल में अतीक ने रखा था बेटे की शादी का प्रस्ताव पूछताछ में अखलाक ने बताया कि अतीक से मिलने वह पत्नी के साथ साबरमती जेल में गया था। मुलाकात में अतीक ने अपने बेटे की शादी उनकी बेटी से करने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद ही असद और मंतशा की शादी की बात आगे बढ़ी थी।
अली और असद पहले भी ले चुके हैं यहां शरण
अतीक की गिरफ्तारी के समय भी उसके बेटे अली और असद अखलाक के घर शरण ले चुके हैं। एसटीएफ ने पहले भी अली को यहां से उठाकर पूछताछ की थी। तब असद भाग गया था। साफ है कि वारदातों को अंजाम देकर अतीक का परिवार अखलाक के घर शरण लेता रहा है।
अस्पताल बनाने की बात कहकर संपत्ति से ले लिया था हिस्सा
डा. अखलाक के दादा फुल्ला का फूलबाग कालोनी चौराहे से मोहनपुरी नाले की ओर जाने वाली सड़क पर फुल्ला कोल्ड स्टोर है। फुल्ला का एक बेटा अलाउद्दीन था। अलाउद्दीन के तीन बेटे इकबाल, इस्लामुद्दीन और डा. अखलाक हैं। करीब पंद्रह वर्ष पहले अखलाक ने अपना अस्पताल बनाने की बात कहकर संपत्ति से अपना हिस्सा ले लिया था। अब कोल्ड स्टोर के मालिक इकबाल, इस्लामुद्दीन हैं। गौरतलब है कि फुल्ला कोल्ड स्टोर के बराबर में स्थित इसी परिवार की बिल्डिंग में काफी समय तक सीओ सिविल लाइंस का आफिस रहा था। हालांकि अब यह आफिस न्यू मोहनपुरी में है।
अतीक ने गुड्डू से कहा था, असद के साथ बने रहना प्रयागराजअखलाक से पूछताछ में पता चला कि गुड्डू पर असद की सुरक्षा का जिम्मा है, इसलिए वह साथ-साथ है। अतीक अहमद ने गुड्डू से कहा था कि वह उमेश को मारने के बाद प्रयागराज से भागने पर असद के साथ रहेगा।
आयशा प्रयागराज से और अखलाक मेरठ से कर रहा था मदद
अतीक की बहन आयशा नूरी का निकाह करीब 20 साल पहले डा. अखलाक से हुआ था। अखलाक की तैनाती भावनपुर सीएचसी पर थी। अखलाक की गिरफ्तारी के बाद सीएमओ अखिलेश मोहन ने भी विभागीय रिपोर्ट भेज दी है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद आयशा प्रयागराज चली गई थी, जो वहीं से अतीक के परिवार की मदद कर रही थी, जबकि अखलाक शूटर और अतीक के फरार बेटों का मददगार बना था। दरअसल, अखलाक ने अपनी छोटी बेटी मंतशा का रिश्ता असद से कर दिया था।
अखलाक ने पुलिस को जानकारी क्यों नहीं दी? पूरे प्रदेश में उमेश पाल हत्याकांड के आरोपित गुड्डू और असद को पकड़ने के लिए पुलिस दौड़ रही थी। गुड्डू अखलाक के घर आया, उसके बाद भी उसने पुलिस को सूचना तक नहीं दी। बल्कि उसकी मदद करते हुए 50 हजार की नकदी दे दी। एसटीएफ के एएसपी ब्रिजेश सिंह का कहना है कि अखलाक के बाद परिवार के अन्य सदस्यों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।