लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त-कारपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ इस मिशन का आगाज किया। तीसरा चरण रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ते हुए सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध ।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शनिवार से प्रदेश में महिला व बेटियों के लिए मिशन शक्ति के तीसरे चरण की शुरुआत की। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त एवं कारपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ इस मिशन का आगाज किया। मिशन शक्ति का तीसरा चरण महिलाओं को रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ते हुए उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन के लिए प्रतिबद्ध मिशन शक्ति के तीसरे चरण के शुभारंभ मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वावलंबी, सुरक्षित तथा सशक्त नारी नए उत्तर प्रदेश की नींव है। हम इस नींव को मजबूत करने के लिए मिशन शक्ति का तीसरा चरण शुरू कर रहे हैं। इसका पहला चरण बीते वर्ष शारदीय नवरात्र में शुरू किया गया था। आधी आबादी को नजरअंदाज कर कोई भी समाज, प्रदेश व देश तरक्की नहीं कर सकता है। इस चरण में महिलाओं को रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ते हुए उनकी सुरक्षा के लिए काम होगा। उन्होंने कहा यह कार्यक्रम प्रदेश के सभी 75 जनपदों के सभी जिला मुख्यालयों में भी आयोजित हो रहा है। वहां पर भी 75 नारी शक्ति के सम्मान का कार्यक्रम हो रहा है। जिन महिलाओं को आज सम्मान मिला है वह दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन सकती हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों पर हमला करते हुए कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर इससे पहले के वातावरण से हर व्यक्ति परिचित है। महिलाओं में असुरक्षा के इसी भाव को दूर करने के लिए मिशन शक्ति को सरकार ने आगे बढ़ाया है। इसका पहला चरण बीते वर्ष शारदीय नवरात्र में शुरू किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में बटने वाला पोषाहार महिला स्वयं सहायता समूह बनाएंगी व वितरित करेंगी। प्रदेश में डेढ़ लाख पुलिस भर्ती में 20 फीसद पद महिलाओं के लिए हैं।
उन्होंने कहा कि आज से प्रारम्भ हो रहे मिशन शक्ति के तीसरे चरण को हम सभी सकारात्मक सहभागिता से सफल बनाने में सहयोग करें और एक समतामूलक समाज के निर्माण में सहभागी बनें। हमारी सरकार प्रदेश की मातृशक्ति के सर्वांगीण विकास को समर्पित है। प्रदेश सरकार अब उत्तर प्रदेश नारी शक्ति के सम्मान, सुरक्षा तथा सशक्तिकरण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी के साथ कार्यक्रम मिशन शक्ति का तीसरा चरण इनको और अधिक मजबूती प्रदान करेगा।
केंद्र सरकार की योजनाओं में महिलाएं प्राथमिकता में : निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं में महिलाएं प्राथमिकता में होती हैं। आज सभी क्षेत्रों में महिलाएं बढ़-चढ़कर आगे आ रही हैं और अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जहां विकसित देशों में एक भी कोरोना वैक्सीन उपलब्ध नहीं है वही आज देश में छह कोरोना वैक्सीन उपलब्ध है। इससे सभी को जल्दी वैक्सीन लग जाएगी। इससे हमें आर्थिक संकट से भी उबरने में सफलता मिलेगी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहां कि आज हम सभी यहां से एक संकल्प लेकर जाएं कि अपने आसपास दहेज प्रथा पर अंकुश लगाएंगे व बाल विवाह नहीं होने देंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री सुमंगला योजना के तहत 1.55 लाख बेटियों के खातों में 30.12 करोड़ रुपये भेजे । प्रदेश सरकार ने आज ही 59 हजार ग्राम पंचायत भवनों में मिशन शक्ति कक्ष की शुरुआत की। मिशन शक्ति के तीसरे चरण के आगाज के दौरान सरकार ने महिला बीट पुलिस अधिकारियों की तैनात की। मिशन शक्ति के तहत 84.79 करोड़ की लागत से 1286 थानों में पिंक टायलेट का निर्माण किया जाएगा। महिला बटालियनों के लिए 2982 पदों के लिए विशेष भर्ती भी की जाएगी।
इससे पहले लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मिशन शक्ति के तृतीय चरण के कार्यक्रम में मिशन शक्ति के प्रथम और द्वितीय चरण में अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रदेश भर की 75 बहनों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सम्मानित किया। इनको नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त तथा कारपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सम्मानित किया। इन सभी ने कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य किया था। इनमें महिला चिकित्सकों के साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों महिला स्वयं सहायता समूहों, महिला स्वयंसेवी संगठनों के अलावा शिक्षा व महिला सशक्तिकरण आदि क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने वाली महिलाएं थीं।
बलिनी दुग्ध उत्पादक की तर्ज पर बनेंगी नई कंपनियां
मिशन शक्ति का तीसरा चरण कई मायनों में खास है। बलिनी दुग्ध उत्पादक कंपनी की तर्ज पर नई कंपनियां स्थापित होंगी। सोनभद्र, चंदौली, मीरजापुर, बलिया, गाजीपुर, गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, कुशीनगर, रायबरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और रामपुर जिलों में भी दुग्ध कंपनियां स्थापित की जाएंगी। दिसंबर तक एक लाख नए स्वयं सहायता समूह बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है।