सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के लिए शादी की एक समान उम्र की मांग वाली राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया। राष्ट्रीय महिला आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि कम उम्र के मुस्लिम लड़कियों की शादी को वैध ठहराया जाता है।
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के लिए शादी की एक समान उम्र की मांग वाली राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया। राष्ट्रीय महिला आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि कम उम्र के मुस्लिम लड़कियों की शादी को वैध ठहराया जाता है, जिससे पाक्सो एक्ट का उल्लघंन होता है।
कम उम्र में मुस्लिम लड़कियों की होती है शादी बता दें कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत मुस्लिम लड़कियों की 15 साल की उम्र में ही विवाह किया जा सकता है। हालांकि, कानून के अनुसार, देश में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल तय है। इससे कम उम्र में लड़कियों की शादी करना अपराध की श्रेणी में आता है। जबकि, मुस्लिम लड़कियों की शादी 15 वर्ष में ही करना वैध माना जाता है।