‘मेटा वर्कप्लेस’ का अब फायदा उठा पाएंगे एयर इंडिया के कर्मचारी, जानें कंपनी ने क्या कहा

कंपनी की कोशिश है कि इस सॅाफ्टवेयर टूल के जरिए कंपनी अपने सभी कर्माचारियों के साथ आसानी से तालमेल बैठा सकें। कंपनी के मुताबिक इस सॅाफ्टवेयर का सबसे ज्यादा फायदा एयर इंडिया के कर्मचारियों को ही मिलने वाला है।

 

नई दिल्ली, एजेंसी। एयर इंडिया कंपनी ने कम्युनिकेशन नेटवर्क स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी मेटा सॉफ्टवेयर वर्कप्लेस को कामकाज के लिए चुना है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, कंपनी की कोशिश है कि मेटा सॉफ्टवेयर, वर्कप्लेस के जरिए एयर इंडिया में कार्यरत सभी कर्मचारी सुचारु रूप से अपना काम कर सकें। इसके अलावा कंपनी की कोशिश है कि इस सॅाफ्टवेयर टूल के जरिए कंपनी अपने सभी कर्माचारियों के साथ आसानी से तालमेल बैठा सकें। कंपनी के मुताबिक, इस सॅाफ्टवेयर का सबसे ज्यादा फायदा एयर इंडिया के कर्मचारियों को ही मिलने वाला है।

ऑनलाइन ग्रुपवर्क के लिए किया गया वर्कप्लेस लाॅन्चबता दें कि वर्कप्लेस मेटा प्लेटफॉर्म्स द्वारा विकसित एक ऑनलाइन सहयोगी सॉफ्टवेयर टूल है। यह ऑनलाइन ग्रुपवर्क, इंस्टेंट मैसेजिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और समाचार साझा करने की सुविधा प्रदान करता है। ‘वर्कप्लेस’ की पहली बार 14 जनवरी, 2015 को घोषणा की गई थी। अक्टूबर 2016 में आधिकारिक तौर पर लॉन्च होने से पहले इसे फेसबुक एट वर्क के रूप में बीटा में लॉन्च किया गया था।

 

गौरतलब है कि कंपनी की कोशिश है कि इस सॉफ्टवेयर वर्कप्लेस के जरिए एयर इंडिया को विश्व स्तरीय निजी एयरलाइन बनाने की ओर कदम बढ़ाया जाए। एयर इंडिया ने कहा 11,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ जुड़ने के लिए एक सॉफ्टवेयर वर्कप्लेस (Software Workplace) को चुना है। एयर इंडिया ने बताया कि मेटा की मदद से कंपनी के कर्मचारियों को एक दूसरे के साथ हमेशा सूचनाओं के जरिए जुड़े रहने में मदद मिलेगी। एयर इंडिया के मुताबिक, कंपनी की कार्यशैली में भी बदलाव देखी जाएगी, जहां पदानुक्रम (hierarchy) जैसी पुरानी व्यवस्था को कम किया जाएगा।

18,000 करोड़ रुपये मे टाटा को बेच दी गई एयर इंडियाएयर इंडिया को सबसे पहले जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से लॉन्च किया था। 1946 में इसका नाम बदल कर एयर इंडिया कर दिया गया। उसके बाद साल 1954 में सरकार ने टाटा से एयर इंडिया को खरीदकर उसका राष्ट्रीकरण कर दिया। बता दें कि राष्ट्रीकरण होने के बाद इस एयरलाइन ने खूब सेवा की मगर सरकार को इस एयरलाइन की वजह से नुकसान भी सहने पड़े। आखिरकार 27 जनवरी को एयर इंडिया टाटा समूह को सौंप दी जाएगी। Air India-Tata Group की यह डील 18,000 करोड़ रुपए में हुई है। इस डील के तहत एयर इंडिया को टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी Talace प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया गया है।

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