दिल्ली में कुछ दिनों पहले यमुना का जलस्तर बढ़ने और बरसाती नालों के जरिए सिविल लाइंस यमुना बाजार में बाढ़ का पानी घुस गया था। अब यमुना का फिर से जलस्तर में वृद्धि हो रही है जिसको देखते हुए प्रशासन ने यमुना किनारे 24 नांवे और 50 गोताखोरों को तैनात कर दिया है ताकि आपात स्थिति में लोगों को निकालेंगे।
नई दिल्ली । दिल्ली में यमुना का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है। इस देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। यमुना घाटों पर रहने व सोने वाले लोगों से घाट खाली कराने शुरू कर दिए गए हैं। पूर्वी दिल्ली जिला प्रशासन ने नावों से यमुना घाटों पर मुनादी शुरू कर दी है। प्रशासन की अपील है कि घाटों पर रहने वाले लोग यमुना का जलस्तर बढ़ने पर इन्हें खाली कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। साथ ही अपने मवेशियों को भी ले जाएं। वहीं, किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए प्रशासन ने 24 नाव और 50 के करीब गोताखोर भी तैनात कर दिए हैं, ताकि आपात स्थिति में लोगों को निकालेंगे।
लोगों को दिया नीचले इलाके खाली करने का निर्देश
बोट क्लब के इंचार्ज हरीश कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के दिशा-निर्देशों पर यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण लोगों को घाटों को खाली करने के लिए कहा जा रहा है। बाढ़ आने पर पहले यह लोग चले गए थे, लेकिन अब यह फिर वापस आ गए और जलस्तर भी बढ़ रहा है।
रिहायशी इलाकों में पहले भी घुस चुका है बाढ़ का पानी
उन्होंने बताया कि यमुना का पानी इलाकों में न घुसे इसके लिए इस और कुछ कदम उठाए गए है। इसलिए बरसाती नालों को फिलहाल यमुना की तरफ से बंद कर दिया गया है। साथ ही ऐसे रास्ते जिनसे पानी कश्मीरी गेट और सिविल लाइंस इलाके में घुसा था वहां पर भी दो से तीन फिट की ऊंचाई पर मिट्टी के बोरे भी लगाए गए हैं, क्योंकि इन्हीं रास्तों के जरिए रिहायशी इलाकों में पहले पानी घुसा था।