क्या यूक्रेन पर की गई ताजा कार्रवाई ने पश्चिमी देशों और रूस के बीच शीत युद्ध को फिर से शुरू कर दिया है। यूक्रेन के लुहान्स्क और डोनेटस्क को आजाद घोषित करने के बाद भी रूस चाहता क्या है। जानें इन सवालों पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ…
नई दिल्ली, एजेंसियां। यूक्रेन में रूस के ताजा सैन्य अभियान के बीच पश्चिमी देशों के खुलकर व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ उतरने से कई आशंकाएं गहराने लगी हैं। एक सवाल मजबूती से उठ रहा है कि क्या यूक्रेन पर की गई ताजा कार्रवाई ने पश्चिमी देशों और रूस के बीच शीत युद्ध को फिर से शुरू कर दिया है। यह भी सवाल उठ रहा है कि यूक्रेन के लुहान्स्क और डोनेटस्क को आजाद घोषित करने के बाद भी रूस चाहता क्या है। जानें इन सवालों पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ…
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक जेएनयू में स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज के डीन श्रीकांत कोंडापल्ली ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान ने पश्चिमी देशों और रूस के बीच शीत युद्ध को फिर से शुरू कर दिया है। उन्होंने आगाह किया कि यूक्रेन में रूसी कार्रवाई चीन को गलवन जैसी घटनाएं शुरू करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं।
यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियानों और मास्को पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के मसले पर कोंडापल्ली ने कहा कि रूसी प्रतिशोध और यूक्रेन की जवाबी कार्रवाई ने पश्चिमी देशों और रूस के बीच शीत युद्ध की नींव रखने का काम किया है। कोंडापल्ली ने चीन और रूस के बीच घनिष्ठ सहयोग पर कहा कि यूक्रेन में रूसी कार्रवाइयों के साथ हम यह भी देख सकते हैं कि चीन भी ऐसी उकसाने वाली ऐसी घटनाएं करने के लिए उत्साहित हो रहा है।
वहीं समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी का मानना है रूस की रणनीति यूक्रेन सरकार को पूरी तरह पंगु करने की है। रूस इसी पर आगे बढ़ रहा है रूसी सेनाओं ने तीन तरफ से हमला कर राजधानी कीव को घेरने की योजना बनाई है। नाम नहीं छापने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि रूसी सैन्य अभियान को देखने से लगता है कि उसका मकसद यूक्रेन की सरकार को पंगु बनाना है।