यूपी चुनाव 2022 : इंटरनेट मीड‍िया पर भ्रामक सूचना दी तो खैर नहीं, डीजीपी मुख्यालय में शुरू हुई मान‍िटर‍िंंग

आपसी तनाव पैदा करने वाली अथवा अन्य किसी भ्रामक व आपत्तिजनक पोस्ट पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही सी-प्लान एप के जरिये हर गांव में 10 संभ्रांत नागरिकों को जोड़कर फर्जी खबरों का खंडन किये जाने का अलग तंत्र भी विकसित किया गया है।

 

लखनऊ । इंटरनेट मीडिया की निगरानी शुरू करने के साथ ही डीजीपी मुख्यालय में चुनाव प्रकोष्ठ नियंत्रण कक्ष भी स्थापित हो गया है। नियंत्रण कक्ष के जरिये चुनाव आयोग व जिलों की पुलिस के साथ समन्वय बनाकर सुरक्षा-व्यवस्था सुनिश्चित कराई जायेगी।

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि चुनाव के दौरान किसी भी भ्रामक सूचना अथवा किसी फर्जी खबर का खंडन फैक्ट चेक टि्वटर हैंडल @ UPPViralCheck के जरिये किया जायेगा। इसके लिए अलग टीम का गठन किया गया है। साथ ही इंटरनेट मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर 24 घंटे निगरानी शुरू करा दी गई है। यूपी पुलिस ने 27 सितंबर, 2021 को अपना टेलीग्राम चैनल लांच किया था, जिसमें 17 हजार से अधिक लोग जुड़ चुके हैं।

किसी भी माध्यम से आपसी तनाव पैदा करने वाली अथवा अन्य किसी भ्रामक व आपत्तिजनक पोस्ट पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही सी-प्लान एप के जरिये हर गांव में 10 संभ्रांत नागरिकों को जोड़कर फर्जी खबरों का खंडन किये जाने का अलग तंत्र भी विकसित किया गया है। एडीजी का कहना है कि चुनाव आयोग के सी विजिल एप के जरिये डीजीपी मुख्यालय को प्राप्त होने वाली हर सूचना को तत्काल संबंधित जिले के अधिकारियों को दिया जायेगा और आकस्मिक स्थिति में यूपी 11 की पीआरवी को अलर्ट किया जायेगा।

सीमा पर 576 बैरियर, 24 घंटे होगी चेकिंग : एडीजी ने बताया कि नेपाल सीमा पर प्रदेश के सात जिलों के 14 विधानसभा क्षेत्र तथा नौ सीमावर्ती राज्यों की सीमा पर 30 जिलों के 74 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। नेपाल सीमा पर निगरानी के लिए 107 तथा सीमावर्ती राज्यों के बार्डर पर 469 बैरियर स्थापित किये गये हैं। सभी बैरियर पर तीन पालियों में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाकर 24 घंटे चेकिंग के निर्देश दिये गये हैं। सभी बैरियर पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं। खासकर संदिग्ध व्यक्तियों, शराब व मादक पदार्थ तस्करों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। एडीजी के अनुसार प्रारंभिक स्तर पर 17 जिलों के 33 विधानसभा क्षेत्रों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है और वहां सुरक्षा के अतिरिक्त बंदोबस्त किये जा रहे हैं। प्रदेश में 29138 मतदेय स्थल संवेदनशील की श्रेणी में रखे गये हैं।

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