कोविड प्रबंधन की निगरानी के लिए गठित टीम-9 को सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि कोविड संक्रमण से हमें गांवों को बचाना होगा। गांवों के प्रति विशेष सतर्कता की जरूरत है। ऐसे में प्रदेश के सभी 97 हजार राजस्व गांवों में कोविड टेस्टिंग का बड़ा अभियान चलाया जाए।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव निपटने के साथ ही योगी सरकार की नजर इस ओर गई है कि इस दौरान गांवों में संक्रमण ने पैर न पसार दिए हों। हालात को समय रहते नियंत्रित कर लेने की मंशा से ही राज्य सरकार ने अब अलग रणनीति बनाई है। तय किया गया है कि प्रदेश के सभी 97 हजार राजस्व गांवों में कोरोना जांच का विशेष अभियान चलाया जाएगा। यह टीम लक्षण युक्त ग्रामीणों का एंटीजेन टेस्ट करने के साथ ही मेडिकल किट मुहैया कराएगी। जरूरत अनुसार मरीजों को वहीं से अस्पताल में भर्ती कराने के लिए भी चिन्हित कर लिया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि पंचायत चुनाव की मतगणना के बाद चार मई से यह अभियान शुरू होगा और आठ मई तक चलेगा। गांवों में आने वाले हर एक प्रवासी व्यक्ति की टेस्टिंग की जाए।
कोविड प्रबंधन की निगरानी के लिए गठित टीम-9 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को निर्देश दिया कि कोविड संक्रमण से हमें गांवों को बचाना होगा। गांवों के प्रति विशेष सतर्कता की जरूरत है। ऐसे में प्रदेश के सभी 97 हजार राजस्व गांवों में कोविड टेस्टिंग का बड़ा अभियान चलाया जाए। इसके लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली जाएं। सीएम योगी ने कहा कि रैपिड रेस्पांस टीम की संख्या बढ़ाई जाए। निगरानी समितियों से सहायता लें। जो लोग अस्वस्थ हों, पॉजिटिव पाए जाएं, उन्हें कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक उपचार दिया जाए। आवश्यकता पर अस्पताल में भर्ती कराया जाए, क्वारंटाइन किया जाए या होम आइसोलेशन में रखा जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पंचायत चुनाव की मतगणना के बाद चार मई से यह अभियान शुरू होगा और आठ मई तक चलेगा। यह टीमें मरीज को मेडिकल किट भी मुहैया कराएंगी। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले एक-एक प्रवासी की स्क्रीनिंग हो। निगरानी समितियों से लेखपालों को जोड़ने का भी निर्देश दिया है।
हर जिले में बनेगी टीम-9, जवाबदेह होंगे अफसर : कोविड प्रबंधन के लिए राज्य स्तर पर गठित टीम-9 की तर्ज पर सभी जिलों में विशेष टीम गठित करने की जरूरत मुख्यमंत्री ने जताई है। साथ ही कहा है कि अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाए। उसकी निगरानी हो और अधिकारियों की जवाबदेही तय हो। उन्होंने दोहराया कि सभी जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने जनप्रतिनिधियों और क्षेत्रीय जनता के सतत संपर्क में रहें। फील्ड में तैनात सभी अधिकारी एक्टिव मोड में रहें और हर फोन कॉल अटेंड होनी चाहिए। इसी तरह सीएम हेल्पलाइन से प्रतिदिन 45-50 हजार मरीजों से संपर्क और स्वास्थ्य मंत्री द्वारा भी कुछ मरीजों से बात कर उनसे फीडबैक लेने के लिए सीएम ने कहा है।
अंतरराज्यीय बस सेवा स्थगित : कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार ने अब शहरों के लिए भी अतिरिक्त सतर्कता की ओर कदम बढ़ाया है। योगी ने निर्देश दिया है कि आवागमन कम से कम हो, इसके लिए अंतरराज्यीय बस सेवा को तत्काल स्थगित कर दिया जाए। वहीं, हवाई यात्रा कर आने वाले सभी यात्रियों के लिए कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी जाए। ट्रेनों से आने वाले यात्रियों के तापमान की जांच हो, संदिग्ध पाए जाने पर एंटीजेन टेस्ट आदि कराने और कतई लापरवाही न बरतने की हिदायत दी गई है।
कोविड मरीजों का इलाज कर रहे डाक्टरों को अतिरिक्त वेतन : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जरूरत के अनुसार चिकित्सक, मेडिकल स्टाफ बढ़ाने पर लगातार जोर दिया है। अब निर्देश दिया है कि जो डाक्टर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं, उन्हें अतिरिक्त मानदेय देने की व्यवस्था बनाएं।
साप्ताहिक बंदी को प्रभावी ढंग से लागू करें : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि साप्ताहिक बंदी, रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। निगरानी समितियों से लेखपाल को भी जोड़ा जाना चाहिए। होम आइसोलेशन में सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से प्रतिदिन कम से कम 45-50 हजार मरीजों से संपर्क किया जाए। स्वास्थ्य मंत्री भी मरीजों से बातचीत कर उनका हालचाल लें। होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे लोगों को मेडिकल किट जरूर उपलब्ध कराएं। जितनी जल्दी इलाज शुरू होगा, स्वास्थ्य लाभ भी उतना ही शीघ्र होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समितियों को इस कार्य में सक्रिय किया जाए। पांच मई से प्रदेश में पात्र लोगों को मुफ्त राशन वितरण प्रारंभ हो रहा है। राशन वितरण केंद्रों पर कोविड विहैवियर पर सख्ती से अमल हो। पात्र लोगों को पूरी पारदर्शिता के साथ राशन वितरण किया जाए। इस संबंध में कृषि उत्पादन आयुक्त स्तर से कार्ययोजना तैयार कर ली जाए।