उत्तर प्रदेश में शासन ने 22 जून तक बिजली आपूर्ति को ठप करने पर रोक लगा दी है। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष ने सभी वितरण निगमों के एमडी को निर्देश जारी किए हैं। वहीं बिजली की समस्या को दूर करने के लिए अधीक्षण अभियंता सांसदों-विधायकों से मिलकर काम करेंगे।
लखनऊ, भीषण गर्मी में प्रदेशवासियों को बिजली संकट से न जूझना पड़े इसके लिए पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने विद्युत संबंधी कार्यों के लिए 22 जून तक बिजली आपूर्ति ठप करने (प्लांड शटडाउन) पर रोक लगा दी है। कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने विद्युत वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिया है कि तय शेड्यूल के मुताबिक बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने वितरण क्षेत्र में कार्यरत अधीक्षण अभियंताओं को अपने क्षेत्र के सांसदों-विधायकों से मिलकर बिजली संबंधी समस्या को भी दूर कराने के निर्देश दिए।
जिन क्षेत्रों से बिजली की समस्या संबंधी ज्यादा शिकायतें हैं वहां देखा जाए मुख्य कारण
मंगलवार को शक्तिभवन में बिजली आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा करते हुए अध्यक्ष ने वरिष्ठ अधिकारियों-अभियंताओं को हिदायत दी की किसी भी स्थिति में 22 जून तक सड़क आदि के कार्यों के लिए बिजली आपूर्ति न रोकी जाए। अध्यक्ष ने मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों से बिजली की समस्या संबंधी ज्यादा शिकायतें हैं वहां जाएं और देखें कि समस्या का मुख्य कारण क्या है? जहां ट्रांसफार्मर ज्यादा जल रहे हैं वहां भी उसके कारणों को खोजा जाए और आपूर्ति बनाए रखने के युद्ध स्तर पर कार्य किए जाएं।
फोन न उठाने पर फसेंगे अभियंता
अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि फील्ड में तैनात अवर अभियंता और एसडीओ फोन नहीं उठाते हैं। इस पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक डिस्काम के लगभग 20-20 अवर अभियंता और अन्य अधिकारियों को शक्तिभवन से फोन किया जाए। ऐसे में फोन न उठाने वाले अभियंताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाए।
समस्या दूर होने पर ही निस्तारण की दें जानकारी
अध्यक्ष ने यह भी कहा कि ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि उपभोक्ता की 1912 पर तथा अन्य माध्यमों से की जाने वाली समस्या संबंधी शिकायतें दूर हुए बिना ही उनके निस्तारित होने की सूचना दे दी जाती है। इस पर नाराजगी जताते हुए अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उपभोक्ता की समस्या हल होने के बाद ही समस्या निस्तारित दिखाएं।