ऐसे में विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है कि वह खुद अस्पताल बनाने के लिए जमीन खरीदेगा। अगर कोई इच्छुक व्यक्ति मुफ्त में जमीन देता है तो उसकी पसंद से अस्पताल का नाम रखा जाएगा। अस्पताल बनाने का पूरा खर्चा स्वास्थ्य विभाग उठाएगा।
लखनऊ । अब अगर आप अपनी जमीन सरकारी अस्पताल बनवाने के लिए दान देंगे तो वह आपके पुरखों के नाम से जाना जाएगा। अस्पताल के लिए मुफ्त में जमीन देने वाले व्यक्ति की पसंद पर ही अस्पताल का नाम रखा जाएगा। यही नहीं, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अब खुद जमीन खरीदकर भी बीच बस्ती में सरकारी अस्पताल बनवाएगा। अभी तक ग्राम समाज या फिर किसी अन्य सरकारी विभाग की खाली जमीन मुफ्त में लेकर सरकारी अस्पताल बनाए जाते हैं, लेकिन अब अस्पताल बनाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जमीन खरीदेगा।
महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. वेदब्रत सिंह ने बताया कि अभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) व जिला अस्पताल ज्यादातर ग्राम समाज व किसी सरकारी विभाग की जमीन पर बनाए जाते हैं। ऐसे में तमाम अस्पताल आबादी से काफी दूर हैं। ऐसे में अस्पतालों में कम लोग पहुंचते हैं, वहीं जो अस्पताल अब बीच आबादी में आ गए हैं वहां लोगों की खूब भीड़ होती है।
ऐसे में विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है कि वह खुद अस्पताल बनाने के लिए जमीन खरीदेगा। अगर कोई इच्छुक व्यक्ति मुफ्त में जमीन देता है तो उसकी पसंद से अस्पताल का नाम रखा जाएगा। अस्पताल बनाने का पूरा खर्चा स्वास्थ्य विभाग उठाएगा। अभी पीएचसी एक एकड़ जमीन पर करीब 2.25 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाती है। वहीं सीएचसी डेढ़ एकड़ जमीन पर 7.75 करोड़ की लागत से और 100 बेड का जिला अस्पताल छह एकड़ भूमि पर 49 करोड़ की लागत से बनाया जाता है।