यूपी सरकार ने भी रद की कांवड़ यात्रा, सरकार की अपील पर माने कांवड़ संघ,

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण प्रदेश के दो दर्जन से अधिक धार्मिक संगठनों ने इस बार सावन के महीने में कावड़ यात्रा न निकालने का फैसला किया है। अखाड़ा परिषद ने कांवडिय़ों से घर पर रहकर ही प्रतीकात्मक रूप से परंपराओं के पालन की अपील की है।

 

लखनऊ,  कांवड़ यात्रा को लेकर इतने दिन से चल रही असमंजस की स्थिति आखिरकार खत्म हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार को सशर्त अनुमति पर पुनर्विचार का निर्देश दिया। सरकार अपनी ओर से यात्रा पर रोक का सख्त फैसला शायद नहीं करना चाह रही थी। कांवड़ संघों से ही बातचीत की गई। इस पर संघों ने खुद ही कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया है। सावन मास की धार्मिक परंपरा के तहत 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा प्रस्तावित थी।

उत्तराखंड सरकार ने तो यात्रा पर रोक लगा दी, लेकिन योगी सरकार ने इसके लिए सशर्त अनुमति दे दी। निर्णय लिया गया कि कांवडिय़ों के लिए आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगी। साथ ही कांवड़ संघों से अपील की गई कि कम से कम श्रद्धालु यात्रा में शामिल हों। इधर, कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका है। डेल्टा प्लस मामले कई राज्यों में बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर यूपी सरकार को नोटिस जारी कर दिया। शुक्रवार को दाखिल जवाब में सरकार ने संक्रमण से बचाव के लिए कोविड प्रोटोकाल के पालन, आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट जैसी दलीलें दीं। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक आयोजन से अधिक जीवन की सुरक्षा के तर्क के साथ सरकार को निर्देश दिया कि कांवड़ यात्रा की अनुमति पर पुनर्विचार करें। अगली सुनवाई सोमवार को होनी थी। इधर, योगी सरकार खुद से यात्रा को स्थगित नहीं करना चाहती थी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कांवड़ संघों से बात की जाए। कोरोना संक्रमण बढऩे की आशंका का पक्ष रखें। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सरकार की अपील पर कांवड़ संघों ने यात्रा को स्थगित करने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि कोरोना के प्रकोप के कारण ही पिछले वर्ष भी कांवड़ यात्रा नहीं निकल सकी थी।

वहीं प्रदेश के दो दर्जन से अधिक धार्मिक संगठनों ने इस बार सावन के महीने में कावड़ यात्रा न निकालने का फैसला किया था। इस बाबत इन सभी संगठनों ने वाराणसी के एडीसीपी विकास त्रिपाठी को एक पत्र भी सौंपा था। इन संगठनों ने इस बार तो प्रतीकात्मक कार्यक्रम करने की योजना बनाई है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, प्रयागराज के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने भी शनिवार को सुबह जारी पत्र में यह अपील की थी। महंत नरेंद्र गिरी ने कहा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक परंपराओं के पालन की बात कही है, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे की आशंका हमें आगाह कर रही है कि हम अपने अपने घरों पर रह कर ही प्रतीकात्मक रूप से अपने धर्म का पालन करें।

उन्होंने सभी कांवड़ यात्रियों और शिव भक्तों से अपने-अपने घरों में रहकर सीमित दायरे में रहकर मर्यादा और धार्मिक परंपराओं के पालन का अनुरोध किया है। कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कांवड़ संघों से अपील की है कि वह इस बार कांवड़ यात्रा पर नहीं निकालें। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि तथा महामंत्री हरि गिरि ने कहा कि कांवरिये सांकेतिक तौर पर यह आयोजन करें। वह घर के आसपास शिवालयों में जलाभिषेक कर सकते हैं। तीसरी लहर आने की संभावना को देखते हुए कांवड़ यात्रा स्थगित करना ही ठीक है। शिव भक्तों से मेरा निवेदन है कि आप अपने गांव के शिवालयों में गंगाजल का अभिषेक करें या फिर अपने घरों में शिवलिंग की स्थापना करके गंगाजल का अभिषेक करें।

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