प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से मौत के मामले छुपाने का बेहद गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने इस बड़े मामले की जांच हाई कोर्ट के जज की निगरानी में कराने की मांग की है।
लखनऊ, योगी आदित्यनाथ सरकार पर कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में बड़े पैमाने पर हुई मौत के आंकड़े छुपाने का गंभीर आरोप लगा हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा करने के साथ ही मौत के आंकड़े छुपाने के मामले की जांच की मांग की है।
उत्तर प्रदेश के हर मामले को लेकर बेहद गंभीर प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से मौत के मामले छुपाने का बेहद गंभीर आरोप लगाया है। प्रियंका गांधी ने कहा कि हर रोज नदियों में मिल रहे सैकड़ों शव की इस बात की गवाही दे रहे हैं कि मौत के आंकड़ों में बड़ी हेराफेरी हो रही है। उन्होंने इस बड़े मामले की जांच हाई कोर्ट के जज की निगरानी में कराने की मांग की है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बलिया व गाजीपुर में नदी में शव बह रहे हैं। उन्नाव में नदी के किनारे सैकड़ों शवों को दफना दिया गया है। प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर करारा हमला बोला है। उनका कहना है कि सरकार कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा छिपाने की कोशिश कर रही है। संक्रमण से मौतों का आंकड़ा कम करके बताया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले की इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज की निगरानी में न्यायिक जांच की भी मांग उठाई है।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपनी मांग को लेकर ट्वीट किया है। उनका कहना है कि लखनऊ, गोरखपुर, झांसी, कानपुर जैसे शहरों में मौत के आंकड़े कई गुना कम करके बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में तो हद से ज्यादा अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। प्रियंका गांधी ने हमला करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार अपनी इमेज बनाने में व्यस्त है और जनता की पीड़ा असहनीय हो चुकी है। इन मामलों पर हाई कोर्ट के जज की निगरानी में तुरंत न्यायिक जांच होनी चाहिए।
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि कानपुर में सरकारी आंकड़ों से पांच गुना ज्यादा शव श्मशान पहुंच रहे है। वहीं झांसी का भी यही हाल है। यहां मौतों का सही आंकड़ा सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया जा रहा है। इसके साथ ही लखनऊ का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले दस दिनों में कोरोना से मरने वाले 1500 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है। गोरखपुर में भी सरकारी रिकॉर्ड से 15 गुना ज्यादा मौतें कोरोना संक्रमण से हो रही हैं। इसके बाद भी सरकार सच स्वीकार नहीं कर रही है।