मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को स्कूल चलो व संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में योगी ने शत-प्रतिशत साक्षरता दर हासिल करने का लक्ष्य दिया। शिक्षकों को पढ़ाई के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में सुधार के लिए गुरुमंत्र भी दिए।
लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को स्कूल चलो व संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में योगी ने शत-प्रतिशत साक्षरता दर हासिल करने का लक्ष्य दिया। शिक्षकों को पढ़ाई के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में सुधार के लिए गुरुमंत्र भी दिए। उन्होंने कहा कि योग्य शिक्षक वही होता है जो कमजोर बच्चे को भी योग्य बनाता है। स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ वह आसपास के क्षेत्र में समाज सुधार के प्रयास व समस्याओं के समाधान में मददगार भी होता है। अभी यूपी की कुल साक्षरता दर 67.7 प्रतिशत है।
लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षकों को जिस ग्राम पंचायत में स्कूल है, वहां कितने साक्षर लोग हैं और कितने निरक्षर लोग हैं। लोगों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति क्या है, इसका डाटा भी एकत्र करना चाहिए। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वह एक पोर्टल तैयार कर शिक्षकों के माध्यम से यह डाटा आनलाइन उपलब्ध कराएं। योगी ने माफियाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि कर्मों का फल यहीं पर मिलता है। जो माफिया कल तक सत्ता-शासन के मद में चूर रहते थे, आज जब वह सलाखों के पीछे हैं तो आम जनता भी ताली बजा रही है। ऐसे में सभी को अपना कार्य पूरी ईमानदारी से करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल में उत्तर प्रदेश की पहचान शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र से होती थी। प्रयागराज व वाराणसी शिक्षा के प्रमुख केंद्र थे। मगर बीच में कुछ वर्षों में अराजकता, गुंडागर्दी व बीमारी ही पहचान हो गई थी। बीते छह वर्षों में स्थिति में तेजी से सुधार हुआ है और बेहतर परिणाम के लिए आप सभी के सहयोग की जरूरत है। योगी ने कहा कि शिक्षक 15-15 दिनों में विद्यार्थियों के घर की विजिट करें और अभिभावक से उसके बच्चे के प्रदर्शन के बारे में सकारात्मक चर्चा करें। योगी ने कहा कि संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए एक अप्रैल वर्ष 2018 को शुरू किया गया अभियान पूरे देश में नजीर बनकर सामने आया। पहले गोरखपुर व बस्ती मंडल में ही पहले बीते 40 वर्षों में जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) से 50 हजार बच्चों की मौत हुई थी। वर्ष 2017 के बाद से इसमें तेजी से गिरावट आई और अब एक भी मौत नहीं हो रही। जल्द इसके उन्मूलन की घोषणा होगी।
शिक्षक बच्चों को स्वस्थ व स्वच्छ रहने के लिए भी प्रेरित करें। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने निर्देश दिए कि आशा वर्कर संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत जब पांच करोड़ लोगों के घर जाएं तो मरीजों की स्क्रीनिंग के साथ-साथ उन्हें बच्चों को पढ़ने के लिए भी प्रेरित करें। स्कूल चलो व संचारी रोग नियंत्रण अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। वहीं 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक घर-घर दस्तक अभियान चलेगा। कार्यक्रम में योगी ने निपुण टेस्ट में पास विद्यार्थियोंको रिपोर्ट कार्ड व मुफ्त पाठ्य-पुस्तकों के वितरण, स्कूल रेडीनेस कैलेंडर व शिक्षक संदर्शिका का विमोचन, रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ और वेक्टर कंट्रोल वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा दीपक कुमार व प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा भी मौजूद रहे।
अच्छे शिक्षकों के तबादले पर रोते हैं लोगमुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे तमाम अच्छे शिक्षक हैं जिनका तबादला होने पर पूरा गांव रोता है। फिर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखकर उनका स्थानांतरण रद करने की मांग की जाती है। फिर लोगों को समझाया जाता है कि इन अच्छे शिक्षकों को दूसरे स्कूलों को सुधारने के लिए जाने देना ही होगा। पहले 40 प्रतिशत बालक व 50 प्रतिशत बालिकाएं नंगे पांव स्कूल आते थे। अब यूनिफार्म, जूते-मोजे व अन्य सामान के लिए 1,200 रुपये सीधे अभिभावकों के खाते में भेजे जा रहे हैं। 1.53 लाख परिषदीय स्कूलों में से 1.36 लाख स्कूलों को कायाकल्प अभियान के तहत चमकाया गया। बाकी 20 हजार स्कूलों में इस वर्ष कार्य होगा।
छह लाख शिक्षक टीबी मरीजों को गोद लेंयोगी ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की भी पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि मातृ व शिशु मृत्यु को नियंत्रित करने के लिए बेहतर काम किया जा रहा है। वहीं टीबी उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2025 रखा गया है। अगर परिषदीय स्कूलों के छह लाख शिक्षक टीबी मरीजों को गोद लेकर उनके पोषण व उपचार का जिम्मा लें तो अच्छे परिणाम सामने आएंगे।