इंटरमीडिएट के बाद वे किस तरह के करियर विकल्प का चयन कर सकते हैं जिससे उन्हें बेराजगारी का संकट न झेलना पड़े इसे कार्यशाला के माध्यम से बताया जाएगा। शिक्षा विभाग के साथ मिलकर जिला प्रशासन इसको लेकर अभियान चलाने जा रहा है।
गोरखपुर, राजकीय स्कूलों के बच्चों को सुनहरे भविष्य की राह दिखायी जाएगी। इंटरमीडिएट के बाद वे किस तरह के करियर विकल्प का चयन कर सकते हैं, जिससे उन्हें बेराजगारी का संकट न झेलना पड़े, इसे कार्यशाला के माध्यम से बताया जाएगा। शिक्षा विभाग के साथ मिलकर जिला प्रशासन इसको लेकर अभियान चलाने जा रहा है। इसके लिए करियर गाइडेंस के क्षेत्र की दिग्गज एजेंसी आइ ड्रीम को जिम्मेदारी दी गई है। एजेंसी के विशेषज्ञ स्कूलों में जाकर बच्चों को वर्तमान में बेहतर करियर विकल्पों के बारे में जागरूक करेंगे। अभियान की शुरूआत 12 नवंबर से की जाएगी।
एजेंसी से हुई है बात
इंटरमीडिएट करने के बाद बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं आज भी स्नातक, इंजीनियरिंग या मेडिकल की ओर रुख करना चाहते हैं। जबकि वर्तमान में सैकड़ों करियर विकल्प हैं। इन करियर विकल्प को अपनाने के लिए विशेष तरह के पाठ्यक्रम भी हैं। रोजगार के लिए युवाओं को तैयार करने के लिए जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने अभियान चलाकर युवाओं को भविष्य की राह दिखाने का निर्णय लिया। इसके लिए करियर गाइडेंस की दिग्गज एजेंसी से बात की गई है। एजेंसी के विशेषज्ञ छात्र-छात्राओं को उनकी अभिरुचि के अनुसार करियर की राह दिखाएंगे।
बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार दी जाएगी 550 तरह के करियर विकल्प की जानकारी
जिला प्रशासन की ओर से समन्वय की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत जिला समन्वयक प्रशिक्षण एवं समेकित शिक्षा विवेक जायसवाल को दी गई है। विवेक बताते हैं कि करियर गाइडेंस एजेंसी के विशेषज्ञ 550 तरह के करियर विकल्प के बारे में बच्चों को जानकारी देंगे। इस अभियान के बाद बच्चे अपने भविष्य को लेकर स्पष्ट हो सकेंगे। अभियान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अभी इसे छह राजकीय इंटर कालेजों एव 15 राजकीय हाईस्कूलों में संचालित किया जाएगा।
छात्र-छात्राओं का होगा साइकोमेट्रिक टेस्ट
विवेक बताते हैं कि छात्र-छात्राओं की अभिरुचि जानने के लिए करियर गाइडेंस एजेंसी की ओर से डेढ़ घंटे का साइकोमेट्रिक टेस्ट लिया जाएगा। परिणाम के आधार पर छात्र-छात्राओं की अभिरुचि के बारे में जानकारी मिलेगी और इसी आधार पर उन्हें करियर विकल्प सुझाए जाएंगे। विशेषज्ञ डाटा के माध्यम से यह भी बताएंगे कि किस सेक्टर में आने वाले समय में कितनी रिक्तियां आने वाली हैं। उन रिक्तियों के लिहाज से पूर्वी उत्तर प्रदेश का क्षेत्र कितना महत्वपूर्ण है, इस बात की जानकारी भी दी जाएगी।
इंटरमीडिएट के बाद छात्र-छात्राओं के सामने सही करियर विकल्प चयन की समस्या रहती है। परंपरागत रूप से वे कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में ही भविष्य तलाशते हैं जबकि 550 से अधिक करियर विकल्प हैं, जिनके लिए तैयार होकर वे बेहतर भविष्य की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। इसके लिए स्कूलों में करियर गाइडेंस के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। शुरू में राजकीय स्कूलों से शुरू होने वाला यह अभियान अन्य स्कूलों तक भी विस्तारित होगा। – विजय किरन आनंद, जिलाधिकारी।