राज्य में हो रहे प्रतिदिन आठ करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स  कारोबार से युवा पीढी तबाही की ओर अग्रसर ,

छोटे – बड़े शहरों में एमडी, आईएसडी, ब्राउन सुगर और कोकेन की बिक्री व्यापक स्तर पर होती है। एक अनुमान के अनुसार राज्य में गांजा, चरस और अफीम बेचने वाले पेडलरों की संख्या दस हजार है।
ओमप्रकाश यादव ; अहमदाबाद, गुजरात। राज्य में चलने वाला ड्रग्स का कारोबार युवा पीढी को तबाही की ओर ले जारहा है। एक अनुमान के अनुसार राज्य में प्रतिदिन आठ करोड़ रुपये मूल्य के ड्रग्स का कारोबार होता है जिसमें तीन करोड़ रुपये के चरस, गाजा, अफीम और पांच करोड़ रुपये का हाइप्रोफाइल ड्रग्स की बिक्री की जाती है। इस दूषण को अंजाम देने के लिए पूरे राज्य में 11 हजार से अधिक पेडलर ड्रग्स की बिक्री करते हैं।ड्रग्स का इतना बड़ा नेट वर्क इस बात का प्रमाण है कि इस मामले में सरकार की संवेदनशीलता केवल औपचारिकता है।
उल्लेखनीय है कि गुजरात पुलिस ने गत पांच वर्ष में नव सौ करोड़ रुपये मूल्य का ड्रग्स जब्त करने का दावा कर रही है। जबकि नाम न बताने के शर्त पर एक अधिकारी के अनुसार गुजरात में लगभग 18 हजार गाँव है जिसमें ज्यादातर गांवों में गांजा, अफीम और ड्रग्स आसानी से उपलब्ध हो जाता है। जबकि छोटे – बड़े शहरों में एमडी, आईएसडी, ब्राउन सुगर और कोकेन की बिक्री व्यापक स्तर पर होती है। एक अनुमान के अनुसार राज्य में गांजा, चरस और अफीम बेचने वाले पेडलरों की संख्या दस हजार है। हाइप्रोफाइल ड्रग्स बेचने वाले पेडलरों की संख्या एक हजार है। हाइप्रोफाइल वाले 25 सौ रुपये के भाव से बीस लोगों को ड्रग्स बेचते हो और बाकी 200 रुपये के भाव से 20 लोगों को ड्रग्स बेचते हो तो प्रतिदिन का  कारोबार लगभग आठ करोड़ रुपये मूल्य का हो जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कुल बिक्री में पेडलरों का मुनाफा 50 से 60 प्रतिशत तक का होता है।गुजरात में 2500 रुपये में मिलने वाला एमडी ड्रग्स मुम्बई में 800 रुपये में मिलता है। एक ग्राम की पुड़िया में पेडलर मिलावट करके 1800 रुपये मुनाफा कमाते हैं।ड्रग्स माफियाओं के व्यापार को मजबूत करने में ड्रग्स का सेवन करने वाले युवक भी जिम्मेदार हैं। यह नशे की आदि युवक अपने खर्च को पूरा करने के लिए अपने ग्रुप के युवक और युवतियों को नशे का शौकीन बनाते हैं। इस प्रकार ड्रग्स रुपी राक्षस का चैन दिन प्रतिदिन बढता जाता है। एक  अनुमान के अनुसार राज्य में सलाना तीन हजार करोड़ रुपये मूल्य के ड्रग्स का व्यापार होता है जिसका बड़ा हिस्सा भ्रष्ट अधिकारियों की जेब में जाता है।
राज्य के विविध माध्यमों द्वारा ड्रग्स पेडलरों का पर्दाफ़ाश किया गया है। इसके बावजूद यह धंधा अविरत जारी है। सरकार के निर्देश के बावजूद भी जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। सरकारी आकडों के अनुसार गत पांच वर्ष में ड्रग्स के 1007 मामलों में 1446 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर 894 करोड़ रुपये मूल्य का ड्रग्स पकड़ा गया है। जिसमें 841 करोड़ रुपये मूल्य की हीरोइन थी जो देश के विविध भागों में बेचने के लिए गुजरात में लाई गई थी। गुजरात में चरस ,गांजा, अफीम, एमडी ड्रग्स और एलएसडी की बिक्री अधिक होती है जो गत पांच वर्ष में मात्र 53 करोड़ रुपये का जब्त हुआ है। यह आकड़ा वार्षिक पांच करोड़ रुपये के आस पास है जबकि गुजरात में ड्रग्स का वार्षिक कारोबार तीन हजार करोड़ का है। एनसीबी ने रिटायर्ड अधिकारी के अनुसार पूरे अहमदाबाद में ही पेडलर विविध प्रकार के ड्रग्स की खुल्लेआम बिक्री करते हैं। पुलिस अधिकारियों की मेहरबानी से ड्रग्स माफिया शहर के पूर्वी क्षेत्र में ज्यादा सक्रिय हैं।

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