रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 2020-21 एवं 21-22 के सत्र में पूंजीगत व्यय के तहत क्रमश 17 करोड़ एवं 45 करोड़ से मंदिर परिसर के विस्तार के लिए करीब पांच एकड़ जमीन क्रय की है।
अयोध्या । मंदिर निर्माण के लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 3350 करोड़ से अधिक रुपये प्राप्त हो चुके हैं। पहले से तय मानचित्र के अनुरूप मंदिर निर्माण में कुल 1100 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्रस्तुत व्यय विवरण के अनुसार मंदिर निर्माण में अब तक 192 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। वित्तीय सत्र 2020-21 में मंदिर निर्माण में कुल 12 करोड़ ही व्यय हुए, किंतु 2021-22 के सत्र में इस मद में व्यय 180 करोड़ तक जा पहुंचा। इससे इस तथ्य की पुष्टि भी होती है कि 2021-22 के सत्र में निर्माण की प्रगति निर्णायक रही।
मंदिर के लिए नींव की खोदाई तो गत वर्ष 15 जनवरी को ही शुरू हो गई थी, किंतु नींव की भराई, उसके ऊपर पांच फीट मोटी शिलाओं की एक और परत और वर्तमान में चल रहा प्लिंथ निर्माण के अहम चरण का काम गत वित्तीय सत्र में ही हुआ। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से बराबर यह कहा जा रहा है कि मंदिर निर्माण का 30 प्रतिशत काम हो चुका है।
इस हिसाब से देखें, तो ट्रस्ट सुखद स्थित में है और 1100 करोड़ की लागत से अनुमानित मंदिर निर्माण का काम दूर-दूर तक ओवर बजट होने की आशंका नहीं है। न ही ट्रस्ट के सामने धन संबंधी कोई चुनौती आने की आशंका है। ट्रस्ट को मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान के अलावा अप्रत्यक्ष आय के रूप में दान और ब्याज से भी प्रचुर राशि मिल रही है।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस मद से ट्रस्ट को 20 करोड़ की आय हुई और 21-22 में इस मद की आय बढ़कर 110 करोड़ तक जा पहुंची। इस बीच ट्रस्ट का व्यय भी करोड़ों में रहा। निधि समर्पण अभियान के चलते वर्ष 20-21 के सत्र में ट्रस्ट को 24 करोड़ रुपये व्यय करने पड़े, जबकि 21-22 के सत्र में यह व्यय घटकर पांच करोड़ रह गया और यह राशि ट्रस्ट के कार्यालय एवं मंदिर प्रबंधन में व्यय हुई। आय-व्यय का यह समीकरण उस भविष्य की भी ओर इशारा करने वाला है, जब रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट आर्थिक शक्ति के रूप में संपूर्ण रामनगरी की भी दिशा तय करने वाला होगा।