नई दिल्ली में एक पुस्तक के विमोचन के कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राहुल गांधी का उत्तर प्रदेश के चुनाव को लेकर दर्द छलक उठा। उन्होंने इस चुनाव को लेकर एक बड़ा राज भी खोला।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सत्ता पर काबिज हो गई है। भाजपा को छोड़कर अन्य दल अभी भी अपनी हार का कारण तलाश रहे हैं। नई दिल्ली में एक पुस्तक के विमोचन के कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राहुल गांधी का उत्तर प्रदेश के चुनाव को लेकर दर्द छलक उठा। उन्होंने इस चुनाव को लेकर एक बड़ा राज भी खोला। राहुल गांधी ने कहा कि हमने बसपा के सामने गठबंधन का प्रस्ताव रखा था, लेकिन लगता है कि बसपा प्रमुख मायावती ने किसी बड़े डर के कारण इसको स्वीकार नहीं किया।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले की कांग्रेस तथा बसपा की लड़ाई अभी तक जारी है। कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी ने कहा कि मायावती जी ने इस बार पूरी ताकत से चुनाव नहीं लड़ा। हमने उन्हें गठबंधन के लिए प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। ‘द दलित टूथ : द बैटल्स फॉर रियलाइजिंग आंबेडकर्स विजन’ पुस्तक के विमोचन के समय राहुल गांधी ने कांशीराम की चर्चा की। उन्होंने कहा कि कांशीराम जी ने उत्तर प्रदेश में दलितों की आवाज उठाई, हालांकि इससे कांग्रेस पर असर पड़ा। इसके विपरीत मायावती जी इस बार उत्तर प्रदेश में दलितों की आवाज के लिए नहीं लड़ीं, क्योंकि सीबीआई, ईडी और पेगासस का डर है। राहुल गांधी ने दावा किया कि उन्होंने बसपा मुखिया को अपनी पार्टी से गठबंधन करने और प्रदेश की मुख्यमंत्री तक बनाने का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि मायावती तो अब ईडी तथा सीबीआई के डर से अब चुनाव नहीं लडऩा चाहती हैं। हम तो कांशीराम का सम्मान करते हैं, जिन्होंने दलितों को सशक्त बनाया। इसके विपरीत मायावती पेगासस, सीबीआई तथा ईडी के डर के कारण कोई भी चुनाव नहीं लडऩा चाहती हैं।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस के साथ बहुजन समाज पार्टी सभी 403 पर अकेले चुनाव लड़ी थीं। बसपा को एक तथा कांग्रेस को दो सीट मिली है। भाजपा गठबंधन को 273 तथा समाजवादी पार्टी गठबंधन को 125 सीट मिली थी।