रूस ने बूचा में हुए नरसंहार को बताया यूक्रेन और पश्चिम देशों का झूठा प्रोपेगेंडा, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की

रूसी दूतावास ने कहा कि अफसोस की बात है कि मास्को के खिलाफ अब तक व्यापक खोखले आरोप लगे हैं जबकि इस बात के सबूत हैं कि यह वास्तव में कीव द्वारा किया गया एक झूठा प्रोपेगेंडा था।

 

नई दिल्ली, रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध को एक महीने से ज्यादा हो गया है। दोनों देशों के बीच हमले अभी भी जारी हैं। वहीं, गुरूवार को रूस ने यूक्रेन में कीव के एक उपनगर बूचा में नरसंहार करने से इनकार किया है। साथ ही कहा कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि यह वास्तव में कीव और पश्चिम के द्वारा किया गया एक झूठा प्रोपेगेंडा है। इस मामले पर बोलते हुए भारत में रूसी दूतावास ने कहा कि मास्को इस अपमानजनक युद्ध अपराध अधिनियम में शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए दृढ़ता से खड़ा है। मुख्य चुनौती वास्तव में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करना है।

रूस दूतावास ने कहा कि अफसोस की बात है कि मास्को के खिलाफ अब तक व्यापक खोखले आरोप लगे हैं, जबकि इस बात के सबूत हैं कि यह वास्तव में कीव द्वारा किया गया एक झूठा प्रोपेगेंडा था। इस सबूत को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है क्योंकि हम न्याय चाहते हैं। इसके अलावा दूतावास ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुए अपराधों के साथ बूचा में जघन्य हमले की भी तुलना की।

दूतावास ने अपने बयान में कहा कि बूचा में जघन्य अपराध द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी अपराधों के बुरे हालातों की याद दिलाता है। इसने रूस, भारत और विश्व स्तर पर घृणा और निंदा को जन्म दिया है।

रिपोर्टों में कहा गया कि 300 से अधिक लोग मारे गए

बता दें कि पिछले दिनों कीव के शहर बूचा में बड़ी संख्या में आम लोगों के मारे जाने के फोटो और वीडियो सामने आए हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि 300 से अधिक लोग मारे गए हैं और हताहतों की कुल संख्या बढ़ने की संभावना है क्योंकि पूरे शहर की जांच की जा रही है। सैकड़ों यूक्रेन निवासी अपने घरों के अलावा, सामूहिक कब्रों में और बूचा की सड़कों पर मृत पाए गए। यूक्रेन ने रूस पर बुका नरसंहार का आरोप लगाया है। हालांकि रूस ने आरोपों से इन्कार किया है और कहा है कि यह यूक्रेन का दुष्प्रचार है।

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