कैसरबाग निवासी अधिवक्ता के लापता भाई का पुलिस ने सीतापुर के नहर से शव बरामद कर लिया है। खंदारी बाजार निवासी टायर कारोबारी शोएब की सूदखोरी के चक्कर में हत्या करने की बात सामने आई है। शोएब 14 नवंबर को घर से निकलने के बाद से लापता थे।
लखनऊ, जासं। कैसरबाग निवासी अधिवक्ता के लापता भाई का पुलिस ने सीतापुर के नहर से शव बरामद कर लिया है। खंदारी बाजार निवासी टायर कारोबारी शोएब की सूदखोरी के चक्कर में हत्या करने की बात सामने आई है। शोएब 14 नवंबर को घर से निकले थे और तब से उनका पता नहीं चल रहा था। 15 दिसंबर को शोएब के भाई अधिवक्ता अमीर हमजा खां ने कैसरबाग कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। कैसरबाग पुलिस और क्राइम ब्रांच ने घटना का राजफाश कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
डीसीपी पश्चिम सोमेन बर्मा के मुताबिक सूदखोरी में शोएब की हत्या की गई है। हत्या के आरोप में खदरा निवासी नसीम अहमद, शोएब खां, मोहम्मद अकील और सीतापुर निवासी शादाब को गिरफ्तार किया गया है। नसीम ने टायर कारोबारी से ढ़ाई साल में करीब 20 लाख रुपये ब्याज पर लिए थे। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि ब्याज की दर ज्यादा होने के कारण उसे हर माह मोटी रकम चुकानी पड़ती थी। इससे वह परेशान था और लगातार कर्ज में डूब रहा था। इस दौरान शोएब उर्फ टोपी ने नसीम को बताया कि उसने टायर कारोबारी से नौ लाख रुपये ब्याज पर लिए हैं, जो वह चुका नहीं पा रहा है।
सूद वापस देने के लिए उसे कर्ज लेना पड़ रहा है। आरोपितों का कहना है कि रुपये समय से नहीं देने पर शोएब उन्हें बेइज्जत करते थे। यही नहीं भाई के अधिवक्ता होने की बात कहकर जेल भिजवाने की धमकी भी देते थे। रुपये न देने पड़े इसके लिए दोनों ने शोएब की हत्या की साजिश रची। इसके लिए दोनों ने अपने साथी अकील से संपर्क किया और उसे 50 हजार रुपये में हत्या के लिए मना लिया। शोएब अक्सर रुपये लेने के लिए नसीम और टोपी के पास आता था। तीनों ने तय किया कि अगली बार जब व्यापारी वहां आएगा तो उसकी हत्या कर दी जाएगी। 14 नवंबर को शोएब खदरा में नसीम के पास रुपये लेने पहुंचा। इस दौरान व्यापारी ने टोपी के बारे में पूछा। योजना के तहत नसीम ने बताया कि वह अपने गाेदाम पर है। शोएब नसीम के साथ टोपी के गोदाम पर पहुंचे, जहां मोहम्मद अकील पहले से मौजूद था। शोएब बातचीत कर रहे थे, उसी दौरान अकील ने पीछे से लोहे के राड से उनके सिर पर कई वार कर मौत के घाट उतार दिया।
प्लास्टिक के थैले में शव रखकर डाला से ले गए सीतापुर
घटना के बाद नसीम और टोपी ने पूर्व परिचित शादाब को फोन कर गोदाम पर बुलवा लिया। शादाब पहले से टोपी के यहां माल ढ़ोने का काम करता था। आरोपितों ने शव को प्लास्टिक के थैले में बांधकर डाला में लाद दिया। इसके बाद गाड़ी में बैठकर सीतापुर रवाना हो गए और शव को शारदा नहर में फेंक दिया। पुलिस का दावा है कि आरोपितों ने पहले कभी सूदखोरी की शिकायत पुलिस से नहीं की थी।
दो प्रतिशत ब्याज पर प्रतिदिन सूद
डीसीपी पश्चिम ने बताया कि छानबीन में पता चला है कि शोएब के पास साहूकारी अधिनियम के तहत कोई लाइसेंस नहीं था। बावजूद इसके वह दो प्रतिशत ब्याज प्रतिदिन के हिसाब से सूद लेते थे। सूद की रकम ज्यादा होने के कारण देनदार को फिर से कर्ज लेना पड़ता था। नसीम और टोपी ने शोएब को सूद वापस करने के लिए उसी से रुपये दोबारा उधार लेना पड़ा था। आरोपितों ने हत्या के बाद शोएब की बाइक इटौंजा रेलवे स्टेशन के पास झाड़ियों में छिपा दी थी, जिसे बरामद कर लिया गया है। पुलिस टीम शारदा नहर से शव बरामद करने का प्रयास कर रही है। पुलिस को सर्विलांस और सीसी फुटेज की मदद से वारदात का राजफाश करने में सफलता मिली।