लखनऊ नगर निगम में डीजल की चोरी के मामले कई बार पकड़ गए। अब नगर निगम के अधिकारियों के वाहनों के लिए कार्ड से तेल मिलेगा। एक महत्वपूर्ण बैठक में नगर आयुक्त ने इस व्यवस्था के संबंध में संकेत दे दिए हैं।
लखनऊ, डीजल चोरी रोकने में नाकाम नगर निगम महकमा अब नया तरीका लाने जा रहा है। अब अधिकारियों के वाहनों को तेल कार्ड से मिलेगा, जिसे स्वेप करना होगा और तभी तेल मिल सकेगा। निर्धारित मात्रा से अधिक तेल लेने वाले अधिकारियों को भी कम तेल में ही काम चलाना पड़ेगा। नगर निगम की वर्कशाप में ही इंडियन आयल का पंप स्टेशन भी है, जहां से तेल दिया जाता था। लेकिन यहां भी चालकों को कम तेल देने का मामला पकड़ा गया था।
विभागीय अधिकारियों की समीक्षा में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने डीजल खर्च का प्रबंधन करने का संकेत देते हुए कहा अधिकारियों के वाहनों को तेल कार्ड सिस्टम से दिए जाएं। अपने 26 दिन के कार्यकाल में आरआर विभाग की तरफ से वाहनों का ब्योरा न मिलने पर भी नगर आयुक्त ने नाराजगी जताई। उन्होंने सभी वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगाने का निर्देश दिया। इससे पहले भी नगर निगम ने वाहनों में जीपीएस लगाए थे लेकिन उसे साजिश के तहत खराब कर दिया गया था।
तीन माह में साल भर का बजट खर्च करने के साथ ही तेल चोरी को लेकर नगर निगम का आरआर विभाग चर्चा में रहता है। घपले के आरोप में हटाए गए कर्मचारी फिर से यहां तैनाती पाने में सफल हो जाते हैं। अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक यहां उपकरण की खरीद से लेकर डीजल वितरण में अपने हाथ काले करते रहे हैं। डीजल चोरी रोकने के प्रयास यहां कभी इसलिए सफल नहीं हो पाए, क्योंकि जिन पर चौकीदारी का जिम्मा था, वहीं डीजल चोरी रोकने में अनदेखी कर रहे थे। तमाम जांचों से घिरे होने के बाद भी आरआर विभाग के कारनामे हमेशा चर्चा में रहते हैं