सेना में कर्नल अपनी पत्नी को शताब्दी एक्सप्रेस पर छोड़ने लखनऊ जंक्शन आ रहे थे। कैबवे पहुंचते ही टोकन लेकर तीन गुर्गे कार के सामने खड़े हो गए। एक गुर्गे ने सैन्य अफसर को कहा कि यह ठेका धनंजय सिंह का है। आपको देख लेंगे।
लखनऊ, रेलवे के कुछ अफसरों के कैबवे संचालक को मिले प्रश्रय का नतीजा रहा कि रविवार को एक बार फिर एक परिवार उसके गुर्गों की अभद्रता का शिकार हो गया। परिवार साथ जा रहे सैन्य अफसर को कैबवे के पहले रोक लिया गया। सैन्य अफसर गुर्गों को जब उनकी अभद्रता बढ़ने पर अपनी पहचान बताने लगे तो उनको कहा गया कि यह धनंजय सिंह का ठेका है। आपको देख लेंगे। कुछ देर बाद गुर्गे ने फोन करके एक भईया को बुला लिया। काली सफारी से आए इस व्यक्ति ने भी सैन्य अफसर के साथ बदतमीजी की। इससे पहले पिछले महीने ही एक लोको पायलट की इसी कैबवे के दौरान उसके गुर्गों ने जमकर पिटाई कर दी थी।
घटना दोपहर करीब साढ़े तीन बजे की है। सेना में कर्नल अपनी पत्नी को शताब्दी एक्सप्रेस पर छोड़ने लखनऊ जंक्शन आ रहे थे। कैबवे पहुंचते ही टोकन लेकर तीन गुर्गे कार के सामने खड़े हो गए। आगे की सीट पर उनकी पत्नी भी बैठी थीं। सैन्य अफसर ने जब इस तरह जबरन कार रोके जाने पर कहा कि यह तरीका गलत है। मैं सेना का एक जिम्मेदार अफसर हूं। इस पर गुर्गों और सैन्य अफसर में विवाद होने लगा। एक गुर्गा सैन्य अफसर का वीडियो बनाने लगा। इस पर सैन्य अफसर ने आपत्ति दर्ज की तो गुर्गे ने फोन करके कार में बैठे व्यक्ति को भी बुला लिया। सैन्य अफसर ने उस व्यक्ति से भी इस तरह की बदतमीजी की शिकायत की। तब ही एक गुर्गे ने सैन्य अफसर को कहा कि यह ठेका धनंजय सिंह का है। आपको देख लेंगे। कुछ यात्रियों के बीच बचाव करने से गुर्गों ने सैन्य अफसर को 20 मिनट बाद जाने दिया। लेकिन तब तक उनकी ट्रेन छूट गई।
सैन्य अफसर के साथ हुई इस घटना का मामला सेना तक भी पहुंच गया। इस मामले की जांच की जाएगी। यदि यात्री के साथ इस तरह की अभद्रता हुई है तो आरोपी के खिलाफ कार्रवाई होगी। – पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे