लखनऊ में परीक्षा केंद्रों पर सख्त निगरानी की जा रही है। कक्ष में ड्यूटी कर रहे अध्यापकों की भी तलाशी ली जा रही है। वहीं इस बार सचल दल भी परीक्षा केंद्रों पर मात्र 10 ेेम15 मिनट में पहुंच कर तलाशी ले रहे हैं।
लखनऊ । यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर शासन की संवेदनशीलता इस बार देखने को मिली। सचल दल के लिए लगाए गए वाहन फर्राटा भरते नजर आए। इस बार सचल दल को मुहैया कराए गए वाहन सालों पुराने नहीं बल्कि नए थे। इसका लाभ भी विभाग को मिला।
सचल दल को एक केंद्र से दूसरे केंद्र पर पहुंचने में महज दस से 15 मिनट का ही समय लगा। या यूं कहें कि सचल दल के पास रफ एंड टफ वाहनों के होने से नकल विहीन परीक्षा कि दिशा में विभाग की ओर से किए गए दावे सच साबित हुए।
बीते वर्षों में रहा बुरा हाल : बीते वर्षों में यूपी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर अजब गजब स्थितियां देखने को मिलती रही हैं। सचल दल को 1970-80 के वाहन थमा दिए जाते थे। हालत ऐसी रहती थी कि राज्य मुख्यालय व जिला मुख्यालय से वाहनों के निकालने के लिए धक्का लगाना पड़ता था। कई बार सचल दल में ड्यूटी करने वालों को वाहन खराब होने के कारण रास्ते में ही खड़े रहना पड़ता था।
प्रश्रपत्रों की सुरक्षा के लिए किए गए हैं पुख्ता इंतजाम : परीक्षा शुरू होने से पूर्व केंद्र के स्ट्रांग रूम के डबल लाक में रखे प्रश्नपत्र को निकालने के लिए केंद्र व्यवस्थापक, बाह्य केंद्र व्यवस्थापक और स्टैटिक मजिस्ट्रेट का उपस्थित रहे। प्रश्नपत्र के सील्ड बंडल को केंद्र व् यवस्थापक (प्रधानाचार्य), बाह्य केंद्र व्यवस्थापक (राजकीय/ एडेड विद्यालय के लगाए गए प्रधानाचार्य) और स्टैटिक मजिस्ट्रेट (जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी) की मौजूदगी में ही खोला गया। इनकी उपस्थिति में ही प्रश्नपत्र का बंडल खोलकर विद्यार्थियों को प्रश्नपत्र वितरित किए गए।
मोबाइल फोन को लेकर सख्त रहा विभाग : यूपी बोर्ड परीक्षाओं के दौरान मोबाइल फाेन को लेकर विभाग द्वारा सख्त रुख अपनाते देखा गया। राजकीय जुबली इंटर कालेज परीक्षा केंद्र पर प्रवेश से पहले अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने अपना मोबाइल केंद्र के बाहर जमा करवाया। इसके बाद केंद्र के भीतर गईं। इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने जिस अधिकारी के हाथ में मोबाइल फोन देखा, उसका या तो मोबाइल जमा करा लिया या उसे केंद्र के बाहर कर दिया। अधिकारियों को भी मोबाइल फोन के साथ प्रवेश पर सख्त रुख अपनाने के निर्देश दिए।