गुरुवार को महापौर संयुक्ता भाटिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में टैम्पों बस समेत सार्वजनिक वाहनों के संचालन के साथ कुछ व्यावसायिक गतिविधियों का लाइसेंस बनाने के लिए उपविधि तैयार करने पर सहमति बनी। यह मामला नगर निगम सदन में भी जाएगा।
लखनऊ । महापौर की अध्यक्षता वाली कार्यकारिणी समिति ने नगर निगम के कई वार्ड के नाम बदल दिए हैं। फैजुल्लागंज प्रथम का नाम महा ऋषि नगर वार्ड फैजुल्लागंज थर्ड का नाम डॉ केशव नगर रखा गया है। फैजुल्लागंज 4 का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर जानकीपुरम वार्ड नंबर 1 का नाम भाऊराव देवरस नगर, हैदरगंज वार्ड दो का नाम बुद्धेश्वर, अयोध्या दास वार्ड नंबर 2 का नाम राम प्रसाद बिस्मिल रखे जाने को मंजूरी दी गई है। इसी तरीके से शहर की कई सड़कों को नया नाम दिया जा रहा है।
गुरुवार को महापौर संयुक्ता भाटिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में टैम्पों, बस समेत सार्वजनिक वाहनों के संचालन के साथ कुछ व्यावसायिक गतिविधियों का लाइसेंस बनाने के लिए उपविधि तैयार करने पर सहमति बनी। यह मामला नगर निगम सदन में भी जाएगा। नियमावली लागू होने से वाहनों चालकों की मनमानी पर लगाम लग सकेगी। नगर निगम की सीमा क्षेत्र में संचालित आटो, टैक्सी, ई-रिक्शा, बस, मिनी बस के मालिकों और व्यवसाय करने वालों के लिए तैयार की जाएगी उपविधि।
परिवहन चालकों के लिए शर्ते
- चालकों को डइविंग लाइसेंस रखना होगा। आटो वाहन को परिवहन विभाग से पास कराना होगा और प्रदूषण प्रमाण पत्र रखना होगा।
- वार्षिक रोड टैक्स ,बीमा के कागजात रखना होगा।
- आटो रिक्शा, थ्री सीटर और सात सीटर ई-रिक्शा में अतिरिक्त सवारियां ढोने पर चालान होगा। ऐसा ही बस और मिनी बस के लिए भी नियम होंगे।
- वाहनों का फिटेनस प्रमाण पत्र होना अनिवार्य होगा
- एक अप्रैल से इकतीस मार्च के बीच का लाइसेंस बनेगा। एक अप्रैल से तीस जून के बीच नवीनीकरण शुल्क जमा करने पर दस रुपये प्रतिदिन के हिसाब से विलम्ब शुल्क देना होगा।
लाइसेंस की वार्षिक दरें
- आटो रिक्शा तीन सीटर -15 सौ रुपये
- आटो रिक्शा सात सीटर – दो हजार रुपये
- ई-रिक्शा पंद्रह सौ रुपये
- मिनी बस तीन हजार रुपये
- बस पांच हजार रुपये
- तांगा दो सौ रुपये
- ट्राली (तीन पहियों का सामान ढोने वाली) तीन सौ रुपये
- अन्य चार पहिया वाहन (व्यापारिक प्रयोग के लिए) तीन हजार रुपये
लांड्री और ड्राई क्लीनर्स को लगाना होगा रेट बोर्ड
नगर निगम लांड्री और डई क्लीनर्स चलाने वालों को भी लाइसेंस के दायरे में लाने जा रहा है। लांड्री, डई क्लीनर्स फाइसेंस कंपनी, चिट फंड कंपनी बीमा कंपनियों को अपनी दुकान व दफ्तर के बाहर जनसुविधा के लिए रेट बोर्ड व अन्य जानकारी को प्रदर्शित करना होगा।
- वार्षिक शुल्क धुलाई गृह (लांड्री) एक हजार
- डई क्लीनर्स तीन हजार
- फाइनेंस कंपनी और चिटफंड आठ हजार
- बीमा कंपनी प्रति शाखा 15 हजार
गुरुनानक मार्केट की संपत्तियों की दर तय करने का मामला सदन में जाएगा। आर्यनगर में नगर निगम की डिस्पेंसरी को नगरीय स्वास्थ्य केंद्र के संचालन के लिए एक रुपये प्रतिवर्ष टोकन मनी पर सीएमओ को दी जाएगी।
सिंगार नगर मेट्रो स्टेशन के लिए नगर निगम द्वारा उपलब्ध जमीन के संबंध में उच्च न्यायालय की तरफ से मेडीएटर द्वारा कराए गए सेटेलमेंट का पालन होगा। मोहन मार्केट में आवंटित दुकानों को आवंटियों के पक्ष में विक्रय किए जाने कार्यकारिणी उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट पर प्रस्ताव शासन को जाएगा। वहीं नगर निगम और जलकल के कर्मचारियों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव पास किया गया।