लखनऊ में बिजली विभाग की बड़ी कार्रवाई, व‍िभाग को लाखों की चपत पहुंचाने वाले एसडीओ व जेई निलंबित

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल ढींगरा ने उपखंड अधिकारी अभिषेक तिवारी और जेई सुशील कुमार को निलंबित कर दिया है। आरोप है क‍ि चालीस लाख का राजस्व जमा न कराकर 10.28 लाख में करा दिया काम।

 

लखनऊ,  प्रापर्टी डीलर और बिजली विभाग के काबिल अभियंताओं की करतूतें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। अपट्रान खंड के उपखंड अधिकारी और अवर अभियंता ने प्रापर्टी डीलर से मिलकर आलमनगर ब्रिज से दुबग्गा जाने वाली रोड के दाहिने ओर की उस अवैध कालोनी को रोशन कर दिया, जिसका ले आउट लविप्रा से पास तक नहीं था। यही नहीं जिस काम से बिजली विभाग को चालीस लाख से अधिक का राजस्व मिलता, वह काम मात्र दस लाख 28 हजार में करा दिया।

मामला खुला तो मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल ढींगरा ने उपखंड अधिकारी अभिषेक तिवारी और जेई सुशील कुमार को निलंबित कर दिया है। जांच में पाया गया कि जानबूझकर विभाग को आर्थिक क्षति पहुंचाने की नियत से बिना भार स्वीकृत कराए अनुचित ढंग से कम धनराशि का प्राकलन बनाकर लाभ दिया गया। निलंबन के दौरान दोनों अभियंताओं को मुख्य अभियंता (वितरण) देवीपाटन क्षेत्र, गोंडा से संबंद्ध किया गया है।

मध्यांचल एमडी ने प्रकरण की गहन जांच के लिए स्थायी जांच कमेटी से कराने के लिए भी निर्देशित किया है। जांच में पाया गया कि विकासकर्ता विनय मौर्या को दो किलोवॉट आवासीय विद्युत भार स्वीकृत कर संयोजन निर्गत कराकर विभाग को आर्थिक क्षति पहुंचाने के लिए दोषी पाया गया है। निलंबित किए गए अभियंताओं ने आठ दिसंबर 2021 को अतिरिक्त अधिशासी अभियंता ने इसे स्वीकृत किया था। खासबात रही कि सर्किल के वरिष्ठ अभियंता पूरे घटनाक्रम से अंजान बने रहे।

 

कहां कैसे हुआ खेल : अभियंताओं ने मिलीभगत करके कुछ ऐसा खेल किया, जिसको पकड़ना मुश्किल था, लेकिन जांच में परत दर परत खुल गई। जांच में पाया गया कि 450 मीटर 11 केवी केबल का शुल्क जमा कराया, मौके पर 700 मीटर लगा, 250 किलोवॉट का लोड स्वीकृत बगैर ही कनेक्शन दे दिया गया। स्टीमेट में 11 केवी एसटीपी पोल नहीं है, लेकिन डबल पोल लगाए गए। वहीं 80 मीटर एबीसी का शुल्क जमा हुआ और 200 मीटर की बना दी एलटी लाइन। बिल्डर से पांच खंभों की लागत ली और मौके पर लगा दिए नौ खंभे।

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