इटौंजा स्थित नीलांश वाटर पार्क से कार से लौट रहे अलीगंज निवासी अभिषेक पर बाइक सवार युवकों ने फायरिंग शुरू कर दी थी। कार सवारों ने किसी तरह भागकर जान बचाई थी। सीएम योगी ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए गुडंबा इंस्पेक्टर पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
लखनऊ, सीतापुर रोड से पांच किलोमीटर तक छह-सात बाइकों पर सवार करीब 12 से 15 युवक एक कार का पीछा करते हुए ताबड़तोड़ गोलियां दागते रहे। इस दौरान पुलिस कहीं नजर नहीं आई। इस प्रकरण का सोमवार को मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर रहे थे। वहीं, पुलिस ने मंगलवार को छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार होने वाले आरोपितों में अमन रावत, आकाश, अभय श्रीवास्तव, आदर्श तिवारी, पंकज रावत व आदित्य राजपूत के नाम शामिल हैं। वहीं, अन्य हमलावरों की तलाश जारी है।
इसके पहले बैठक के दौरान सीएम योगी ने आरोपितों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद गुडंबा क्षेत्र में हुई लापरवाही के आरोप में इंस्पेक्टर गुडंबा को निलंबित करने और हल्के के दारोगा और बीट सिपाही के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए। इसके बाद पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने इंस्पेक्टर गुडंबा सतीश साहू को निलंबित कर दिया। मुख्यमंत्री को संज्ञान में आया था कि बालिका के उत्पीड़न को लेकर फायरिंग की घटना हुई है। हालांकि, लखनऊ पुलिस के पास इसका पुख्ता इनपुट नहीं है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जांच-पड़ताल तेज कर दी गई है।
पुलिस घटना के पीछे का कारण पता लगाने में जुट गई है। उधर, फायरिंग के आरोप में पुलिस ने सोमवार को दो युवकों को हिरासत में लिया था। इनमें पंकज और आदित्य शामिल हैं। दोनों के पास से पुलिस को दो बाइक भी मिली थी। पुलिस आयुक्त ने डीके ठाकुर ने बताया कि सभी पहलुओं पर गहनता से पड़ताल की जा रही है। आरोपितों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इटौंजा स्थित नीलांश वाटर पार्क से कार से लौट रहे अलीगंज निवासी अभिषेक पर बाइक सवार युवकों ने फायरिंग शुरू कर दी थी। आरोपितों ने करीब पांच किलोमीटर तक कार का पीछा किया था और ताबड़तोड़ गोलिया चलाते रहे। इस दौरान सुतली बम से भी हमला किया और रास्ते में कहीं भी पुलिस नजर नहीं आई। कार सवार पीड़ित अभिषेक और नदीम पंचर गाड़ी लेकर भागते रहे और किसी तरह अपनी जान बचाई। पुलिस ने गुडंबा थाने में एफआइआर दर्ज की थी और इसे दो गुटों की आपसी रंजिश बताया था।